Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
अत्याचार की शिकार महिलाओं को मिले त्वरित न्याय, सेल्फ डिफेंस की सीख भी जरूरी; कोलकाता कांड पर आरएसएस… – vishvasamachar

अत्याचार की शिकार महिलाओं को मिले त्वरित न्याय, सेल्फ डिफेंस की सीख भी जरूरी; कोलकाता कांड पर आरएसएस…

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की राष्ट्रीय समन्वय बैठक में पश्चिम बंगाल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या की घटना की निंदा की गई।

इस पर कहा गया कि अत्याचार की शिकार महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए कानूनों और दंडात्मक कार्रवाइयों पर फिर से विचार करने की जरूरत है।

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने पश्चिम बंगाल की घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक करार दिया।

आंबेकर ने सोमवार को कहा कि स्कूल और कॉलेज स्तर की छात्राओं के साथ-साथ कामकाजी महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए आत्मरक्षा कौशल प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि ऐसे हमलों से खुद को बचाने के लिहाज से उन्हें सशक्त बनाया जा सके।

तीन दिन तक चली समन्वय बैठक के समापन के बाद आंबेकर ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि अत्याचारों का शिकार होने वाली महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए कानूनों और दंडात्मक कार्रवाइयों की समीक्षा करने की जरूरत है।

इस सवाल के जवाब में कि क्या भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान इस मुद्दे को हल करते हैं, आंबेकर ने कहा कि न्याय प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से लंबा करने के बजाय तेज किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बैठक में कोलकाता के अस्पताल में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या की घटना पर विस्तार से चर्चा की गई।

‘महिला सुरक्षा के लिए उठाएं ये जरूरी कदम’

इस बात पर गौर करते हुए कि देश में इसी तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं, सुनील आंबेकर ने कहा कि बैठक में सरकार की भूमिका, आधिकारिक तंत्र, कानून, दंडनीय कार्रवाइयों और प्रक्रियाओं पर चर्चा हुई।

उन्होंने कहा, ‘बैठक में मौजूद रहे लोगों का मानना है कि इन सभी पर दोबारा विचार करने की जरूरत है ताकि हमारे पास उचित प्रक्रिया, फास्ट-ट्रैक प्रक्रियाएं उपलब्ध हों और हम पीड़ित के लिए न्याय सुनिश्चित कर सकें।’

उन्होंने कहा कि बैठक में निष्कर्ष निकला है कि इस मुद्दे को 5 मोर्चों पर हल किया जा सकता है- कानूनी, सार्वजनिक जागरूकता, पारिवारिक मूल्य, शिक्षा और आत्मरक्षा कौशल।

आंबेकर ने कहा कि इस तरह का प्रशिक्षण स्कूल और कॉलेज स्तर के साथ-साथ कामकाजी महिलाओं के लिए भी आवश्यक है।

टीवी, सिनेमा का पड़ रहा कितना असर

बैठक में यह भी पाया गया कि ओटीटी मंच, टीवी और डिजिटल मीडिया सहित विभिन्न मीडिया मंचों की सामग्री के लगातार संपर्क में रहने से महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘कई मामलों में देखा गया है कि ऐसे हिंसक कृत्यों में शामिल लोग लंबे समय से ऐसी सामग्री देख रहे थे।’ मालूम हो कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का शव बरामद किया गया था।

इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग से जुड़े सवाल का भी जवाब दिया गया।

आरएसएस ने कहा कि यह निर्णय सरकार को लेना है, लेकिन यह भी कहा कि सरकार को अस्थिर करने का यह बहुत लोकतांत्रिक तरीका नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188