Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, दोपहर में भाई की कलाई पर बंधेगी राखी, दिशा का रखें विशेष ध्यान – vishvasamachar

रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, दोपहर में भाई की कलाई पर बंधेगी राखी, दिशा का रखें विशेष ध्यान

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):

इस बार रक्षाबंधन 19 अगस्त को है। रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर बहनें राखी बांधेंगी।

भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन विशेष योग संयोगों के बीच मनाया जाएगा। जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाएगा।

श्रावण मास की पूर्णिमा पर आने वाले इस पर्व पर रवि और शोभन योग के साथ ही श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बनेगा। सावन का अंतिम सोमवार भी पड़ रहा है।

भाई-बहन का पवित्र स्नेहबंधन सारी परंपराओं व मान्यताओं से ऊपर है। कई बार यह देखने में आता है कि कुछ भाई राखी बंधने के थोड़ी देर बाद या फिर कुछ घंटे बाद अपनी कलाई से राखी को उतार देते हैं।

जबकि धर्माचार्य व ज्योतिर्विद इसे गलत और अशुभ मानते हैं। विद्वानों, शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार भाई को कम से कम 21 दिन या जन्माष्टमी तक अपनी कलाई से राखी नहीं उतारना चाहिए।

उतारने के बाद भी इसे अगले वर्ष तक सहेज कर रखना चाहिए। वहीं विद्वतजन रक्षाबंधन में दिशा का भी विशेष महत्व बताते हैं।

दिशा का रखें विशेष ध्यान

राखी बांधते समय भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्व दिशा की ओर बिठाना चाहिए। बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। विद्वानों के अनुसार इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भाई या बहन का मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो। काले रंग की या खंडित राखी भाइयों की कलाई पर नहीं बांधनी चाहिए।

जब राखी कलाई से उतारें तो उसे लाल कपड़े में बांधकर उचित स्थान पर रखें। इस रक्षा सूत्र को साल भर संभालकर रखना चाहिए। फिर अगले साल रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने के बाद इसे पवित्र जल या फिर नदी में प्रवाहित करना चाहिए।

वहीं अगर राखी कलाई से उतारते वक्त खंडित हो जाए तो उसे संभालकर नहीं रखना चाहिए। विद्वानों के अनुसार, उसे मुद्रा के साथ किसी पेड़ के नीचे रख देना चाहिए। अथवा जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।

पहली राखी प्रभु को

ज्योतिष विशेषज्ञ पं उमेश शास्त्री दैवज्ञ कहते हैं कि इस दिन बहनों को सुबह भगवान को एक थाली में सुंदर सजी हुई राखियां चढ़ानी चाहिए। फिर उनके माथे पर कुमकुम और चावल लगाने के बाद उन्हें राखी बांधें और उनकी आरती उतारें।

भद्रा काल शुरू: 19 अगस्त को रात 09.30 बजे से दोपहर 1.30 तक।

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त: 19 अगस्त को दोपहर 01.30 बजे से रात्रि 11 बजे तक अपने भाई को दही और चीनी खिलाकर रक्षा सूत्र बांधें।

श्रावणी उपाकर्म भी रहेगा-

19 अगस्त को ही श्रावणी उपाकर्म रहेगा। शास्त्रों के अनुसार यजुर्वेदीय और मध्यायनी शाखा के ब्राह्मणों का श्रावणी पर भी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188