Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
चेहरा देखने लायक नहीं, पैर देख पहचानने पड़ रहे शव; वायनाड त्रासदी की दर्दनाक कहानी… – vishvasamachar

चेहरा देखने लायक नहीं, पैर देख पहचानने पड़ रहे शव; वायनाड त्रासदी की दर्दनाक कहानी…

वायनाड में भूस्खलन की त्रासदी के बाद ऐसी दुखद और भयावह कहानियां सामने आ रही हैं जिन्हें सुनकर भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

इस त्रासदी ने 300 से ज्यादा लोगों को निगल लिया और अब भी 200 से ज्यादा लापता हैं। आंकड़ों के मुताबिक ‘वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 215 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें 87 महिलाएं, 98 पुरुष और 30 बच्चे शामिल हैं।

अब तक 148 शव सौंपे जा चुके हैं और 206 लोग लापता हैं। विभिन्न अस्पतालों में 81 लोगों का इलाज जारी है।’

एक ही परिवार के 16 लोगों की मौत
वायनाड के गांव में आई त्रासदी में कई परिवार पूरी तरह तबाह हो गए। कालाथिंगल नौशीबा के परिवार के भी 11 लोग इस भूस्खलन का शइकार हो गया जिनमें उनके पिता, मां, बड़े भाई, दो ननद और 6 भतीजे-भतीजी शामिल हैं।

ये सभी मुंडाक्काई में पुराने घर में रुके हुए थे। इसके अलावा नौशीबा के पति के परिवार के भी पांच लोगों की भूस्खलन में मौत हो गई। इसमें उनकी सास, दो ननद और उनके दो बच्चे शामिल हैं। 

पैर देख पहचानने पड़ रहे शव
जब भी मलबे में से कोई नया शव निकाला जाता है तो वह अपनी आंखों में एक डर लिए उसे पहचानने के लिए आ जाती हैं। शनिवार को एक सफेद कपड़े से ढका एक बच्ची का शव लाया गया था।

इसपर नीली स्याही से लिखा था, ‘नंबर 168 फीमेल चाइल्ड।’ पूछा गया कि क्या शव को पहचानने वाला वहां कोई मौजूद है। इसपर नौशीबा आगे आईं और देखने लगीं कि क्या वह उनकी भतीजी है। लेकिन पता चला कि यह किसी और का शवव था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बीते तीन दिन से उनकी यही रूटीन बन गई है। 

नौशीबा अपनी बेटी नाहला के साथ शव की पहचान करने गई थीं। वॉलंटियर ने शव का चेहरा दिखाने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि चेहरा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और देखने लायक नहीं है।

लेकिन जब हाथ की मेहंदी देखी तो नौशीबा को लगा कि यह उनकी भतीजी का शव हो सकता है। नौशीबा ने जब पैर देखा तो पता चला कि पैरों में पायल थे। उनकी बेटी नाहला ने बताया कि वह पायल नहीं पहनती थी। 

नौशीबा ने अपनी दर्दनाक कहानी बताई। उन्होंने कहा, मेरा पूरा परिवार खत्म हो गया। मैं केवल यह देखने आई हूं कि उन सबके शव मिलते हैं या नहीं।

वे सभी मेरे पिता के पुराने मकान में रहते थे जो कि मस्जिद के सामने है। मेरा बड़ा भाई और उसके पांच सदस्यों का परिवार भी छुट्टी मानने आया था। घर में 11 लोग थे जो कि आपदा के बाद से गायब हैं। भूस्खलन में पूरा घर तबाह हो गया। 

उन्होने कहा कि उनके पिता, मां और दो भतीजों की लाशें मिल गई हैं। इसके अलावा भाई मंसूर, उसकी पत्नी मुसिना, दो बच्चे शाहला और शाफना औरर उनके छोटे भाई की पत्नी, दो बच्चे लापता हैं।

उन्होंने बताया, मेरे पति छुट्टी पर आए थे इसलिए मैं दूसरे मकान में रहने चली गई थी नहीं तो मैं भी इस त्रासदी का शिकार हो जाती।

उन्होंने कहा कि भतीजी शाहला की शादी 22 सितंबर को होने वाली थी। नौशीबा की सास पाथुमा, ननद सुमैया और नजीरा, नजीरा के दो बच्चे भी हादसे का शिकार हो गए। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *