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हमारे पास अधिक समय नहीं- जेलेंस्की, रूस-यूक्रेन जंग खत्म करने की बना रहे हैं योजना… – vishvasamachar

हमारे पास अधिक समय नहीं- जेलेंस्की, रूस-यूक्रेन जंग खत्म करने की बना रहे हैं योजना…

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की का कहना है कि वह रूस के साथ युद्ध खत्म करने के लिए एक विस्तृत योजना बना रहे हैं।

ज़ेलेंस्की शुक्रवार को स्लोवेनियाई राष्ट्रपति नताशा पिरक मुसर के साथ कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे लिए युद्ध को खत्म करने की एक योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण है जिसका दुनिया के अधिकांश देशों द्वारा समर्थन किया करे। “यह एक कूटनीतिक रास्ता है जिस पर हम काम कर रहे हैं।” इ

ससे पहले गुरुवार को ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ की शिखर सम्मेलन में, ज़ेलेंस्की ने कहा था कि वह युद्ध को खत्म करने के लिए कुछ ही महीनों में एक “विस्तृत योजना” पेश करेंगे। सैनिकों और नागरिकों के बीच मौत के बढ़ते आंकड़ों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे पास बहुत ज्यादा समय नहीं है।”

वर्तमान में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को खत्म करने को लेकर कोई बातचीत नहीं चल रही है। ज़ेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सार्वजनिक बयानों को देखे तो शांति समझौते की शर्तों के मामले में दोनों देश अब भी एक-दूसरे से बिलकुल अलग नज़र आते हैं।

शांति समझौते को लेकर यूक्रेन ने बार-बार कहा है कि बातचीत शुरू होने से पहले रूस को अपने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त क्षेत्र से अपने सैनिकों को वापस बुलाना होगा। इन क्षेत्रों में क्रीमिया भी शामिल है जिसे रूस ने 2014 में अपने कब्ज़े में ले लिया था।

वहीं, पुतिन, जिन्होंने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला शुरू किया था, यूक्रेन से मांग कर रहे हैं कि वह अपने पूर्व और दक्षिण में और भी अधिक जमीन को खाली करके तुरंत आत्मसमर्पण करे, जिस पर अब रूस का कब्ज़ा है। 

ज़ेलेंस्की ने बुलाया था अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन

ज़ेलेंस्की ने इस महीने की शुरुआत में स्विट्जरलैंड में एक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। इस सम्मेलन में रूस को नहीं बुलाया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य यूक्रेन के लिए समर्थन जुटाना ही था। 90 से अधिक देशों ने इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

अधिकतर देशों ने एक विज्ञप्ति पर सहमति भी जताई, जिसमें किसी भी समझौते में यूक्रेन की “क्षेत्रीय अखंडता” का सम्मान करने की जरूरत पर जोर दिया गया।

लेकिन भारत जैसे कुछ प्रमुख देश सहमत नहीं हुए और रूस के सहयोगी चीन जैसे कुछ और देशों ने रूस को आमंत्रित नहीं किए जाने के विरोध में शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया था।

रूस के सैनिक धीरे-धीरे युद्ध के मैदान में आगे बढ़ रहे हैं, उन्होंने शुक्रवार को एक और गांव पर कब्ज़ा करने का दावा किया है। फिलहाल रूस ने यूक्रेन के लगभग 25 प्रतिशत हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया है।

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