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किसी दिन गंगा दशहरा और किस दिन है निर्जला एकादशी, जान लें दोनों की सही तारीख… – vishvasamachar

किसी दिन गंगा दशहरा और किस दिन है निर्जला एकादशी, जान लें दोनों की सही तारीख…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार) :

 इस बार गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी की तारीखों को लेकर थोड़ा असमंजस है।

आपको बता दें कि गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि और निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास की एकादशी को मनाया जाता है। इस बार दोनों तारीखों में थोड़ा अंतर है।

इस साल ंगगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा, लेकिन एकादशी व्रत 17 जून को नहीं बल्कि 18 जून को रखा जाएगा।

इस साल एकादशी की तिथि 17 जून 2024 को प्रात: 4 बजकर 43 मिनट से शुरू हो जाएगी और अगले दिन 18 जून को सुबह 6 बजकर 24 मिनट तक रहेगी।

इसलिए निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून मंगलवार को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मां गंगा का अवतरण भूलोक पर हुआ था।

गंगा दशहरा पर क्या करें
इस दिन गंगा स्नान से दस तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का महापर्व मनाया जाता है।

इस दिन गंगा नदी में स्नान और पूजा के साथ दीपदान का विशेष महत्व होता है। इस दिन गंगा स्नान से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।

इतना ही नहीं इस दिन गंगा स्नान से पितर भी प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है। इसलिए इस दिन का खास महत्व माना जाता है। इस दिन किया गया दान बहुत पुण्य देने वाला होता है।

निर्जला एकादशी पर क्या करें
निर्जला एकादशी को साल की सबसे बड़ी एकादशी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो इस एकादशी का व्रत कर लेता है, उसे सभी एकादशी का फल मिल जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि निर्जला एकादशी का व्रत बिना पानी पिए किया जाता है। आपको बता दें कि इस दिन किया गया दान बहुत कभी न खत्म होने वाला पुण्य देता है। 

11 जून (मंगलवार) ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी सायं 05.28 मिनट तक तदनंतर षष्ठी तिथि। महादेव विवाह (उड़ीसा)। संत टेसु राम जयंती। श्रुति पंचमी (जैन)। गंडमूल विचार।

12 जून (बुधवार) ज्येष्ठ शुक्ल षष्ठी सायं 07.17 मिनट तक तदनंतर सप्तमी तिथि। अरण्य षष्ठी। विन्ध्यवासिनी पूजा। गंडमूल रात्रि 02.12 मिनट तक।

13 जून (गुरुवार) ज्येष्ठ शुक्ल सप्तमी रात्रि 09.34 मिनट तक तदनंतर अष्टमी तिथि। भद्रा रात्रि 09.34 मिनट से।

14 जून (शुक्रवार) ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी रात्रि 12.05 मिनट तक। भद्रा प्रात 10.50 मिनट तक। आषाढ़ संक्रांति। धूमावती जयंती। मेला क्षीर भवानी (कश्मीर)।

15 जून (शनिवार) ज्येष्ठ शुक्ल नवमी रात्रि 02.33 मिनट तक तदनंतर दशमी तिथि।

16 जून (रविवार) ज्येष्ठ शुक्ल दशमी रात्रि 04.44 मिनट तक तदनंतर एकादशी तिथि। श्री गंगा दशहरा पर्व। रामेश्वर यात्रा दर्शन प्रारंभ।

17 जून (सोमवार) ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी (दिन-रात)। भद्रा सायं 05.35 से।

18 जून मंगलवार ज्येष्ठ शुक्ल निर्जला एकादशी पर्व

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