Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
विज्ञापन में भ्रामक दावे न होने का देना होगा सर्टिफिकेट… – vishvasamachar

विज्ञापन में भ्रामक दावे न होने का देना होगा सर्टिफिकेट…

सरकार ने सभी विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों से स्व-घोषणा प्रमाणपत्र (Self-Declaration Certificate) जमा करने को कहा, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि विज्ञापन में भ्रामक दावे नहीं किए गए हैं।

इसके अलवा यह बताना होगा कि यह विज्ञापन नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करता है।

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पिछले महीने जारी निर्देशों के मुताबिक, सभी नए प्रिंट, डिजिटल, टेलीविजन और रेडियो विज्ञापनों के लिए स्व-घोषणा देना जरूरी होगा।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश पारदर्शिता, उपभोक्ता संरक्षण और जिम्मेदार विज्ञापन व्यवहार को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह बहुत ही अच्छा कदम है। इससे उपभोक्ता ठगी से बचेंगे और सही उत्पादों की खरीदारी कर पाएंगे।

नया नियम 18 जून से लागू होगा

टीवी और रेडियो विज्ञापनों के मामले में स्व-घोषणा प्रमाणपत्र को ‘ब्रॉडकास्ट सेवा’ पोर्टल पर और प्रिंट, डिजिटल और इंटरनेट विज्ञापनों के लिए भारतीय प्रेस परिषद की वेबसाइट पर डालना होगा।

इस स्व-घोषणा प्रमाणपत्र पर विज्ञापनदाता या विज्ञापन एजेंसी के अधिकृत प्रतिनिधि के हस्ताक्षर भी होने चाहिए।

सभी विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों को 18 जून, 2024 या उसके बाद जारी/ प्रसारित/ प्रकाशित होने वाले सभी नए विज्ञापनों के लिए यह प्रमाणपत्र हासिल करना जरूरी है।

सभी हितधारकों को स्व-प्रमाणन की प्रक्रिया से परिचित होने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने के लिए दो सप्ताह की बफर अवधि रखी गई है।

अभी जरूरत नहीं होती

हालांकि, अभी प्रसारित या प्रकाशित हो रहे विज्ञापनों को स्व-प्रमाणन की जरूरत नहीं होती। दस्तावेज को प्रमाणित करना चाहिए कि विज्ञापन में भ्रामक दावे नहीं किए गए हैं और यह सभी प्रासंगिक नियामक दिशानिर्देशों का अनुपालन करता है।

इसमें केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के नियम सात और भारतीय प्रेस परिषद के पत्रकारिता आचरण के मानदंड शामिल हैं।

विज्ञापनदाता को संबंधित प्रसारक, मुद्रक, प्रकाशक या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मंच को उनके रिकॉर्ड के लिए स्व-घोषणा प्रमाणपत्र अपलोड करने का प्रमाण देना होगा।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, वैध स्व-घोषणा प्रमाणपत्र के बगैर किसी भी विज्ञापन को टेलीविजन, प्रिंट मीडिया या इंटरनेट पर चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88