Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
आज बुद्ध पूर्णिमा पर जानें समय, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, दान, उपाय से जुड़ी सभी डिटेल्स… – vishvasamachar

आज बुद्ध पूर्णिमा पर जानें समय, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, दान, उपाय से जुड़ी सभी डिटेल्स…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):

वैसाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा का पावन व्रत बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 23 मई 2024 दिन बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा।

यद्यपि कि पूर्णिमा तिथि का आरंभ 22 मई 2024 दिन बुधवार को दिन में 5:57 बजे से आरंभ हो जाएगा। जो 23 मई 2024 दिन बृहस्पतिवार को सायं काल 6:41बजे तक uaie।

इसी कारण से उदयकालिक पूर्णिमा तिथि 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाएगा। जबकि व्रत की पूर्णिमा 22 मई को ही होगा । 

आज ही अर्थात 23 मई को ही कूर्म जयंती भी मनाई जाएगी। इस दिन विशाखा नक्षत्र दिन में 8:54 तक व्याप्त रहेगा। उसके बाद अनुराधा नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। प्रवर्धमान औधायिक योगा व्याप्त रहेगा ।

सर्वार्थ सिद्धि योग तथा जयद योग दिन में 8:54 के बाद से आरंभ होगा, गुरु पूर्णा सिद्धि योग सायंकाल 6:41 तक व्याप्त रहेगा।
 

देवगुरु बृहस्पति एवं दैत्य गुरु शुक्र सूर्य के साथ वृष राशि में गोचर करेंगे। बुध मेष राशि में । मंगल मीन राशि में ।नशनि अपनी राशि कुंभ में। केतु कन्या राशि में तथा राहु मीन राशि में गोचर करेंगे। दोनों गुरु अर्थात दैत्य गुरु शुक्र एवं देवगुरु बृहस्पति एक साथ वृष राशि में गोचर कर रहे हैं । अतः इस दिन के महत्व को बढ़ा देंगे।

शास्त्रों की माने तो भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को हुआ था। साथ ही यह भी माना जाता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को ही ज्ञान की प्राप्ति तथा परिनिर्वाण हुआ था ।

इसी कारण से इस दिन पूजा पाठ यज्ञ हवन दान पुण्य का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है।

इस दिन किसी भी पवित्र सरोवर में अथवा गंगा यमुना नदी में स्नान करके दान पुण्य का करने का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इस दिन जल से भरे घड़े, घी, तिल तथा स्वर्ण का दान शुभ फलदायक माना जाता है। 

इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ देने की परंपरा है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से, पूजा करने से मानसिक शांति तथा घर में धन वैभव की प्राप्ति होती है। इस दिन दान पुण्य, यज्ञ-हवन, पूजा, पाठ जप तप करने तथा गरीबों को भोजन कराने के साथ साथ गौ तथा जानवरों को जल पिलाने से पित्र देव प्रसन्न होते हैं । भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।

इसीलिए इस दिन सात्विकता का विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दिन मांस मदिरा का त्याग कर देना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि भगवान बुद्ध ने बैसाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को ही बोधगया में बौध वृक्ष के नीचे बुद्धत्व ज्ञान को प्राप्त किया था।

तभी से यह दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के बाद खीर पीकर ही अपना व्रत खोला था। इसी कारण से इस दिन भगवान बुद्ध को खीर का प्रसाद जरूर अर्पित करना चाहिए।इस दिन सूर्योदय पूर्व जगकर घर की साफ सफाई करके स्वयं को स्नान आदि से पवित्र करके पूजा स्थल पर बैठ जाना चाहिए तथा भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करनी चाहिए ।

इसके लिए भगवान विष्णु एवं माता पार्वती को शुद्ध जल से स्नान कराकर, वस्त्र, हल्दी, चंदन, रोली, अक्षत, अबीर, गुलाल, पुष्प, फल, फूल, मिष्टान्न अर्पित करके धूप, दीप दिखाकर प्रार्थना करें तथा माता लक्ष्मी एवं भगवान विष्णु का आरती उतारे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188