Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
बेंगलुरु में जल संकट के बीच गर्मी का कहर, इतिहास का दूसरा सबसे गर्म दिन; कब होगी बारिश… – vishvasamachar

बेंगलुरु में जल संकट के बीच गर्मी का कहर, इतिहास का दूसरा सबसे गर्म दिन; कब होगी बारिश…

बेंगलुरु के लोग इन दिनों जल संकट के बीच बढ़ते तापमान का सामना कर रहे हैं। रविवार को इस शहर का तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जो इतिहास में दूसरा सबसे अधिक टेंपरेचर है।

इससे पहले, आईटी राजधानी में सबसे अधिक तापमान अप्रैल 2016 में दर्ज किया गया था जब पारा 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रविवार को दर्ज किया गया तापमान सामान्य की तुलना में 4.4 डिग्री अधिक रहा। पिछले 24 घंटे में न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री रहा, जो कि सामान्य से करीब एक डिग्री ज्यादा है।

कर्नाटक की राजधानी में रहने वालों पर गर्मी इस बार कुछ ज्यादा ही कहर ढा रही है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब बेंगलुरु में लगातार सबसे ज्यादा गर्म दिन देखे गए। 10-15 दिनों से अधिक समय तक शहर में तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री अधिक रहा।

इस बीच, बेंगलुरु के लोगों के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राहत भरी खबर दी है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मई के दूसरे हफ्ते में बारिश हो सकती है।

इससे तापमान में थोड़ी गिरावट आने की संभावना है। अधिकारियों के मुताबिक, समुद्र तल से 3-5 किलोमीटर ऊपर असामान्य उच्च दबाव वाला क्षेत्र देखा गया है। ऐसे में आगे भी गर्म दिनों की संभावना से इनकार नहीं किया जाता है।

मालूम हो कि कर्नाटक में गर्म दिनों की स्थिति मुख्य रूप से एल नीनो प्रभाव में वृद्धि के चलते है। यह एक जलवायु पैटर्न है जो पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सतह के पानी की असामान्य वार्मिंग को दर्शाता है। यह दुनिया भर में सामान्य मौसम पैटर्न में रुकावट डालता है, जिससे बाढ़, सूखा और अन्य मौसमी घटनाएं होती हैं।

राज्य में सूखे जैसी स्थिति को लेकर गरमाई राजनीति
दूसरी ओर, कर्नाटक में सूखे जैसे हालात को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र की ओर से अपर्याप्त सूखा राहत दिए जाने का आरोप लगाया।

इसके खिलाफ रविवार को पार्टी नेताओं ने विधान सौध में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान नेताओं को नारों वाली तख्तियां लहराते हुए देखा गया, जिन पर लिखा था… “मोदी सरकार कन्नडिगाओं के कर का पैसा निगल कर उन्हें धोखा दे रही है।’

शिवकुमार ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र ने सूखे की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक 18,172 करोड़ रुपये की मांग को मंजूरी नहीं दी है। राज्य सरकार ने कर्नाटक के 236 तालुकों में से 226 को सूखाग्रस्त घोषित करके स्थिति की गंभीरता पर बल दिया है, जिससे 48 लाख हेक्टेयर भूमि में फसल के नुकसान की सूचना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188