Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
वरुथिनी एकादशी कब है? नोट कर लें डेट, पूजा-विधि, महत्व, कथा और शुभ मुहूर्त… – vishvasamachar

वरुथिनी एकादशी कब है? नोट कर लें डेट, पूजा-विधि, महत्व, कथा और शुभ मुहूर्त…

प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होती है।

इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है।

एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। पूरे साल में 24 एकादशी तिथि पड़ती हैं। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। 

आइए जानते हैं वरुथिनी एकादशी तिथि, महत्व, कथा, शुभ मुहूर्त…

वरुथिनी एकादशी तिथि

  • इस साल 4 मई, 2024 को वरुथिनी एकादशी पड़ रही है। इस एकादशी को बरुथनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा- अर्चना की जाती है। 

वरुथिनी एकादशी का महत्व

  • वरुथिनी एकादशी का व्रत रखने से बुरे भाग्य तो भी बदला जा सकता है।
  • इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि, प्रचुरता और सौभाग्य प्राप्त करता है।
  • इस पावन दिन व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

वरुथिनी एकादशी कथा

  • पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान शिव ने कोध्रित हो ब्रह्मा जी का पांचवां सर काट दिया था, तो उन्हें शाप लग गया था। इस शाप से मुक्ति के लिए भगवान शिव ने वरुथिनी एकादशी का व्रत किया था। वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से भगवान शिव शाप और पाप से मुक्त हो गए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एक दिन व्रत रखने का फल कई वर्षों की तपस्या के समान है।

वरुथिनी एकादशी व्रत मुहूर्त

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ – मई 03, 2024 को 11:24 पी एम बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त – मई 04, 2024 को 08:38 पी एम बजे
  • पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 5 मई को 05:51 ए एम से 08:28 ए एम तक
  • पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 05:41 पी एम

पूजा- विधि-  

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
  • भगवान की आरती करें। 
  • भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। 
  • इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। 
  • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

एकादशी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट

  • श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
  • पुष्प
  • नारियल 
  • सुपारी
  • फल
  • लौंग
  • धूप
  • दीप
  • घी 
  • पंचामृत 
  • अक्षत
  • तुलसी दल
  • चंदन 
  • मिष्ठान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88