Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
भाजपा तेज करेगी प्रचार, दूसरे दलों ने भी बदली रणनीति; पहले चरण में कम वोटिंग ने बढ़ाई चिंता… – vishvasamachar

भाजपा तेज करेगी प्रचार, दूसरे दलों ने भी बदली रणनीति; पहले चरण में कम वोटिंग ने बढ़ाई चिंता…

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदाताओं के पिछली बार की तुलना में कम उत्साह से राजनीतिक दलों में चिंतन-मंथन का दौर शुरू हो गया है।

सत्तारूढ़ भाजपा आगे के चरणों की तैयारी में जुट गई है। आने वाले चरणों में पार्टी की कोशिश ज्यादा मतदान कराने की होगी ताकि वह बड़े लक्ष्य को हासिल कर सके।

इसके साथ ही इस चरण के चुनाव में उतरे पार्टी के प्रमुख नेता अब बाकी देश में प्रचार और प्रबंधन का काम संभालेंगे।

सात चरणों के लोकसभा चुनाव का पहला और सबसे बड़ा 102 सीटों को पहला चरण शुक्रवार को पूरा हो गया। चुनाव आयोग के शुरुआती आकलन के अनुसार साठ फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 69.43 प्रतिशत वोट पड़े थे।

इस बार पहले चरण के मतदान के पूरे आंकड़े आने पर यह 60 फीसदी से कुछ ऊपर रहेगा, लेकिन पिछले आम चुनाव के पहले चरण से कम ही रहेगा। गौरतलब है कि बीते चुनाव में पहले चरण में 91 सीटों पर मतदान हुआ था, जबकि इस बार 102 सीटों पर।

मतदान के आंकड़ों के आधार पर तय होगी रणनीति
भाजपा सूत्रों का कहना है कि हर क्षेत्र के मतदान के पूरे आंकड़े आने पर पार्टी इस पर मंथन करेगी और आगे की रणनीति तय करेगी।

इससे पार्टी का प्रचार अभियान और सघन होगा और नेताओं के दौरे भी बढ़ेंगे। साथ ही अगले चरण में जिन प्रमुख नेताओं का चुनाव है वह अब खुद के क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देंगे।

सूत्रों के अनुसार मतदान के तुरंत बाद राजनीतिक दल इसके नफा नुकसान के आकलन में जुट गए हैं। भाजपा के लिए यह उसकी उम्मीद से कम मतदान है।

हालांकि पार्टी का यह भी मानना है कि जब तुलनात्मक कम मतदान होता है तो वह सत्तारूढ़ दल के पक्ष में होता है क्योंकि बहुत ज्यादा मतदान में सरकार से नाराजगी का भी का मुद्दा रह सकता है या फिर सरकार और उसके एजेंडे को और ज्यादा मजबूत करना हो सकता है।

विपक्ष ने उदासीनता को बताया वजह
दूसरी तरफ विपक्षी दलों का मानना है कि यह सरकार के प्रति उदासीनता को लेकर भी हो सकता है। भाजपा और उसकी सरकार के बड़े दावों और हकीकत को लेकर भी लोगों में नाराजगी इससे सामने आ सकती है।

हालांकि सभी का कहना है कि वह अगले चरण में मतदान को बढ़ाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को और ज्यादा सक्रिय करेंगे और जनता से ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए आग्रह भी करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88