Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
भगवान विश्वकर्मा ने अपने हाथों से बनाया था बिहार का यह मंदिर, खास बातें… – vishvasamachar

भगवान विश्वकर्मा ने अपने हाथों से बनाया था बिहार का यह मंदिर, खास बातें…

वास्तु और शिल्प के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयती इस साल 16 सितंबर 2024, सोमवार को मनाई जाएगी।

हालांकि देश के कुछ स्थानों में साल में दो बार विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। इस लिहाज से आज, 22 फरवरी 2024 को भी कुछ लोग विश्कर्मा जयंती मना रहे हैं।

हर साल कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। इस मौके पर भगवान विश्वकर्मा की और कारखानों के यंत्रों, मशीनों व औजारों की पूजा की जाती है।

भगवान विश्वकर्मा की विधिवत पूजा करने के बाद लोग प्रसाद बांटते हैं। माना जाता है कि विश्वकर्मा जयंती पर विधि विधान से पूजा करने से व्यापार में तरक्की मिलती है और निर्माण कार्य में विघ्न-बाधाएं कम होती हैं।

इस विशेष दिन कारीगरों, बढ़ई, शिल्पकारों, मशीनरी, लोहार, औप श्रमिक विश्वकर्मा जयंती पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं।

भगवान विश्कर्मा से जुड़े प्रमुख मंदिर :
1- दिल्ली महाभारत कालीन भगवान विश्कर्मा मंदिर- भगवान विश्कर्मा का सबसे पुराना मंदिर दिल्ली में है। कहा जाता है कि देवलोक के वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा ने महाभारत काल के सबसे प्राचीन नगर इंद्रप्रस्थ का निर्माण किया था। पांडवों ने खांडव वन पर इंद्रपस्थ नामक नगर की स्थापना की थी। यह नगर पांडवों की राजधानी रहा और अब वर्तमान में दिल्ली के नाम से विख्यात है जो भारत की राजधानी है।

2- बिहार के औरंगाबाद का मंदिर भगवान विश्वकर्मा ने रात में बनाया:
मान्यता है कि औरंगाबाद का एकमात्र सूर्य मंदिर है जिसका निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने स्वयं किया था। कहा है कि जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक रात में पूरा हो गया था। इस मंदिर की खासियत है कि यह अस्ताचल गामी सूर्य मंदिर है। सभी सूर्य मंदिरों के द्वार पूर्व की ओर खुलते हैं जबकि इस मंदिर का द्वार पश्चिम की ओर खुलता है।

विश्कर्मा जयंती पर तरक्की के उपाय:
1- विश्वकर्मा पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा को हरी मिठाई का भोग लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से कारोबार में तरक्की होती है और धन लाभ के योग बनते हैं।
2- विश्वकर्मा जयंती के दिन पूजा के बाद भगवान विश्वकर्मा को हल्दी, नारियल, फूल और कुमकुम अर्पित करें। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से व्यापार में तरक्की के मार्ग खुलते हैं।
3- धन-व्यापार में वृद्धि: विश्वकर्मा जयंती पर धन, सुख-संपदा में वृद्धि के लिए ‘ऊँ कूमयि नमः’ और  ‘ऊँ अनन्तम नमः’ मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। 

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188