Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
भारत रत्न के चुनाव में छिपी हुई है BJP की सियासी इंजीनियरिंग, जानें- कहां कितना फायदा… – vishvasamachar

भारत रत्न के चुनाव में छिपी हुई है BJP की सियासी इंजीनियरिंग, जानें- कहां कितना फायदा…

देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के लिए नामों के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौंकाने वाला फैसला लेते रहे हैं।

उन्होंने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्रियों में शामिल नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह के अलावा बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर, दिग्गज भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन के नामों की घोषणा की थी।

इन नामों के चयन के पीछ बीजेपी की चुनावी रणनीति भी शामिल है। इनमें कुछ नाम ऐसे हैं, जिनका चयन भाजपा ने इसलिए किया है क्योंकि उनके समाज में उसकी पकड़ कमजोर है। साथ ही, गांधी परिवार से किसी न किसी रूप में गतिरोध रखने वाले नेताओं को इस लिस्ट में शामिल कर भगवा पार्टी ने कांग्रेस को शर्मिंदा करने कोशिश की है।

दक्षिण के राज्यों में नरसिम्हा राव का प्रभाव

पीवी नरसिम्हा राव को देश के आर्थिक सुधार की नींव रखने वाले प्रधानमंत्री के तौर पर जाना जाता है। उनका जन्म अविभाजित आंध्र प्रदेश में हुआ था।

भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलावा दक्षिणी राज्यों में मतदाताओं पर नरसिम्हा राव का आज भी प्रभाव है। वह संस्कृत श्लोकों का पाठ कर सकते थे। इसके अलावा वेदों और उपनिषदों के ज्ञाता भी थे। 

भाजपा नेता ने कहा, “गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी के द्वारा उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेतृत्व ने हमेशा वंशवाद को बढ़ावा देने और प्रतिभा को नजरअंदाज करने के लिए कांग्रेस पर हमला करते रहते हैं। नरसिम्हा राव इसके उदाहरण हैं।”

भाजपा को उम्मीद है कि नरसिम्हा राव को शीर्ष सम्मान देने से पार्टी को चुनावी लाभ मिलेगा। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “भाजपा राव की बेटी वाणी देवी को लुभाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन बीआरएस ने उन्हें एमएलसी के रूप में नॉमिनेट करके मोर्चा संभाल लिया। भारत रत्न के साथ पार्टी ने बीआरएस को राज्य में उनकी विरासत पर दावा करने से भी रोक दिया है।”

नरसिम्हा राव को यह पुरस्कार राम मंदिर के अभिषेक के तुरंत बाद दिया गया है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने नरसिम्हा राव को भाजपा के वैचारिक स्रोत आरएसएस के करीब ला दिया था।

भाजपा नेता ने कहा, “नरसिम्हा राव हिंदू और मुस्लिम समूहों के बीच बातचीत में सीधे शामिल थे। उन्होंने तत्कालीन वीएचपी प्रमुख अशोक सिंघल के साथ दोस्ती की थी। बाद में उन्होंने एक भव्य मंदिर बनाने की इच्छा दिखाई थी और विवादित स्थल के निकट सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण करवाया था।”

किसानों को साधने की कोशिश
एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न के लिए चुनकर तमिलनाडु और केरल जैसे दक्षिणी राज्यों में अपनी पहुंच को बढ़ावा देने और किसान समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करने का बीजेपी ने एक प्रयास किया है।

केरल में जन्मे स्वामीनाथन ने तमिलनाडु को अपना घर बनाया। उनका जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने हमारे देश में कृषि और किसानों के कल्याण में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

स्वामीनाथन का जन्म मद्रास प्रेसीडेंसी में हुआ था जिसमें वर्तमान आंध्र प्रदेश, लगभग पूरा तमिलनाडु और केरल, कर्नाटक, ओडिशा और तेलंगाना के कुछ हिस्से शामिल थे।

भाजपा नेता ने कहा, “प्रधानमंत्री ने कृषि आय को दोगुना करने, आयात पर निर्भरता कम करने के लिए उपज बढ़ाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की बात की है। इन मुद्दों पर स्वामीनाथ ने जीवन भर काम किया। उन्हें सम्मानित करके पीएम ने दोहराया है कि किलामों का कल्याण एजेंडे में सबसे ऊपर है।”

जाट की नाराजगी दूर करने की कोशिश
लोकसभा चुनाव से पहले जाट नेता चौधरी चरण सिंह को पुरस्कार मिलने से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में फैले किसानों और जाट समुदाय के प्रति पार्टी की पहुंच को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

भाजपा उनके पोते जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल के साथ भी गठबंधन की घोषणा के करीब है।

भाजपा नेता ने कहा, “यूपी चुनाव से पहले एक साल तक चले किसानों आंदोलन के कारण भाजपा को राज्य के जाट बहुल हिस्सों में खराब प्रदर्शन की उम्मीद थी।

लेकिन वैसा नहीं हुआ। कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़कर भाजपा जाटों के लिए भी पसंदीदा पार्टी के रूप में उभरी है। रालोद के साथ आने से भाजपा-जाट संबंध और मजबूत होंगे।”

राजनीतिक विरोधियों को पुरस्कार मिलने के साथ ही बीजेपी ने विपक्ष के खिलाफ लगातार अभियान चलाने के आरोपों की भी हवा निकालने की कोशिश की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88