Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
80 साल बाद सही पते पर पहुंचा पत्र, लिफाफे में बंद था परिवार का बड़ा ‘राज’… – vishvasamachar

80 साल बाद सही पते पर पहुंचा पत्र, लिफाफे में बंद था परिवार का बड़ा ‘राज’…

आज भले ही संदेश देने के लिए मोबाइल, ईमेल और कई आधुनिक साधन हो गए हैं।

कुछ समय पहले केवल पत्र ही किसी को दुख औऱ सुख का संदेश पहुंचाने का साधन हुआ करते थे। पत्र मिलने पर कहीं लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता था तो कहीं लोग दुख में डूब जाते थे।

आप सोच भी नहीं सकते कि एक पत्र हाल ही में 80 साल बाद अपने सही पते पर पहुंचा है। अमेरिका के डिकाल्ब शहर में इस तरह का मामला सामने आया। 

80 साल बात मिला पत्र
यह पत्र 1943 में लुइस औऱ लावेना जॉर्ज के लिए भेजा गया था। बताया गया कि अड्रेस में मकान का नंबर ना होने की वजह से इसे डिलीवर नहीं किया जा सका था।

हाल ही में एक पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी को जब यह पत्र मिला तो उसने इसे सही पते पर पहुंचाने का फैसला किया। उसने यह पत्र पोर्टलैंड, ओरेगॉन में रहने वाली जॉर्ज परिवार के एक संबंधी को दिया।

इसके बाद यह पत्र लुईस औऱ लावेना जॉर्ज की बेटी जेनेट जॉर्ज तक पहुंचा। 

जेनेट जॉर्ज ने कहा कि उनके लिए यह बहुत ही हैरान करने वाला है। 80 साल पहले दो पत्र उनके माता-पिता के लिए लिखा गया था, आज उनको मिल रहा है। यह पत्र इतने दिनों से सुरक्षितहै, यह भी बहुत हैरानी की बात है। 

पत्र में क्या लिखा था
पत्र को जब खोला गया तो पता चला कि यह पत्र जेनेट के पैरंट्स के चचेरे भाई ने लिखा था। इसमें परिवार के प्रति संवेदना जताई गई थी।

दरअसल 1943 में ही जॉर्ज दंपती की पहली बेडी एलविन की मौत हो गई थी। इसके बाद यह पत्र भेजा गया था। जेनेट जॉर्ज को भी अपनी उस बहन के बारे में पता नहीं था।

इश पत्र को मिलने के बाद वह भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, मेरे जन्म से पहले ही मेरे माता-पिता ने बहुत बड़ा दुख उठाया था। आज वह समझ में आ रहा है।

डाक विभाग के कर्मचारियों का कहना  है कि यह पत्र इतने समय तक इसलिए पड़ा था क्योंकि इसपर गली नंबर तो था लेकिन मकान का नंबर नहीं लिखा गया था। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88