Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
विवेक रामास्वामी ने H-1B वीजा प्रोग्राम को कहा ‘गिरमिटिया’, खुद 29 बार कर चुके यूज… – vishvasamachar

विवेक रामास्वामी ने H-1B वीजा प्रोग्राम को कहा ‘गिरमिटिया’, खुद 29 बार कर चुके यूज…

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप के अलावा जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है, वो नाम है- भारतीय मूल के बिजनेस मैन विवेक रामास्वामी का।

विवेक रामास्वामी व्हाइट हाउस की दौड़ जीतने की तरफ लगातार बढ़ रहे हैं।

ट्रंप समर्थक उन्हें आगामी उपराष्ट्रपति के तौर पर भी देख रहे हैं। इस बीच रामास्वामी ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम को “गिरमिटिया” कहकर बुलाया।

उन्होंने लॉटरी-आधारित इस प्रणाली को “खत्म” करने या बदलने की कसम खाई है। जबकि, खुद वो इसका 29 बार यूज कर चुके हैं।

एच-1बी वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच बहुप्रतीक्षित और बेहद चर्चित प्रोग्राम है। यह वीजा गैर-आप्रवासी लोगों के लिए है जो अमेरिकी कंपनियों में विदेशी कर्मचारियों के रूप में काम करते हैं।

यह वीजा प्रोग्राम विशेष व्यवसायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर हैं।

खुद रामास्वामी ने स्वयं 29 बार इस वीज़ा कार्यक्रम का उपयोग किया है। 2018 से 2023 तक, अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं ने एच-1बी वीजा के तहत कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए रामास्वामी की पूर्व कंपनी, रोइवंत साइंसेज के 29 आवेदनों को मंजूरी दी। फिर भी,रामास्वामी एच-1बी प्रणाली को बेहद खराब प्रोग्राम बताते हैं।

रामास्वामी का तर्क
रामास्वामी का तर्क है, “लॉटरी प्रणाली को मौजूदा मेरिटोक्रेटिक एंट्री द्वारा प्रतिस्थापित करने की आवश्यकता है। यह ‘गिरमिटिया’ दासता का एक रूप है जो केवल उस कंपनी को लाभ पहुंचाता है जिसने एच-1बी आप्रवासी को प्रायोजित किया था। मैं इसे खत्म कर दूंगा।  

उन्होंने कहा कि अमेरिका को श्रृंखला-आधारित प्रवासन को खत्म करने की जरूरत है। कहा “जो लोग परिवार के सदस्यों के रूप में आते हैं वे योग्यताधारी आप्रवासी नहीं हैं जो इस देश में कौशल-आधारित योगदान देते हैं।”

गौरतलब है कि मौजूदा कानून के हिसाब से सालाना उपलब्ध एच-1बी वीजा की संख्या को 65,000 से दोगुना कर 130,000 करने का भी प्रावधान है, ताकि महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों सहित अमेरिकी कंपनियों को दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को देश में लाने की अनुमति मिल सके। वर्तमान में, लगभग तीन-चौथाई एच-1बी वीजा भारतीय पेशेवरों को दिए जाते हैं।

गिरमिटिया क्या है
सत्रहवीं सदी में आये अंग्रेजों ने आम भारतीयों को एक-एक रोटी तक को मोहताज कर दिया था। फिर उन्होंने गुलामी की शर्त पर लोगों को विदेश भेजना प्रारंभ किया। इन मज़दूरों को गिरमिटिया कहा गया।

ट्रंप समर्थकों में लोकप्रिय रामास्वामी
रामास्वामी अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में काफी लोकप्रिय चेहरा बन चुके हैं। कुछ दिन पहले सर्वक्षण में रामास्वामी को उम्मीदवारों में डोनाल्ड ट्रंप के बाद पसंद किया गया था।

रामास्वामी खुद ट्रंप समर्थक हैं। इसलिए ट्रंप के आम समर्थक उन्हें ट्रंप के दूसरे संभावित कार्यकाल में उपराष्ट्रपति के रूप में देखते हैं। खुद ट्रंप भी कई मौकों पर रामास्वामी की तारीफ कर चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188