Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
वीटो पावर के लिए भारत मजबूत दावेदार, आखिर UNSC में छठी कुर्सी से क्यों घबरा रहा चीन?… – vishvasamachar

वीटो पावर के लिए भारत मजबूत दावेदार, आखिर UNSC में छठी कुर्सी से क्यों घबरा रहा चीन?…

जी20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मजबूती से UN बॉडीज में सुधारों और UNSC में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है।

भारत यूएनएससी की छठी कुर्सी के लिए मजबूत दावेदार है। दुनियाभर के देश भारत के समर्थन में हैं।

यहां तक कि पाकिस्तान के सुर मे सुर मिलाने वाला तुर्किए भी इस बार यूएनएससी के लिए भारṇत का समर्थन कर गया। इस रास्ते में केवल एक रोड़ा है और वह है चीन।

बता दें कि यूएनएससी में अब तक पांच स्थायी सदस्य हैं जिन्हें पी5 के नाम से जाना जाता है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन शामिल है। 

भारत से क्यों घबरा रहा चीन?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूएन की सबसे ताकतवर बॉडी मानी जाती है। यूएनएससी में किसी भी प्रस्ताव को पास करने के लिए स्थायी सदस्यों की सहमति जरूरी होती है। अगर किसी भी प्रस्ताव पर एक भी देश असहमत रहता है तो यह अटक जाता है।

इसी को वीटो पावर कहा जाता है। अगर भाजपा को भी यूएनएससी में स्थायी सदस्यता मिलती है तो भारत भी वीटो पावर देशों में शामिल हो जाएगा।

ऐसे में यूएनएससी में चीन की स्थित कमजोर हो सकती है। अब तक जो भी स्थायी सदस्य हैं उनमें रूस और चीन की ही ज्यादा बनती है।

ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस को एक साथ देखा जाता है। भारत के आ जाने से चीन अलग-थलग पड़ता ही नजर आएगा।

इसके अलावा रूस के साथ भी भारत के संबंध अच्छे हैं। ऐसे में यूएनएससी में भारत की पकड़ सबसे ज्यादा मजबूत मानी जाएगी। भारत के इसी रुतबे से चीन को डर लगता है और वह भारत की स्थायी सदस्यता में रोड़ा अटका देता है। 

भारत मजबूत दावेदार
जी20 सम्मेलन से पहले द्विपक्षीय वार्ता के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी यूएनएससी में भारत की सदस्यता का समर्थन किया।

वहीं यूएन महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने भी कहा कि वह चाहते हैं कि भारत यूएनएससी का स्थायी सदस्य हो हालांकि यह फैसला उनके हाथ में नहीं है। बता दें कि यूएनएससी में केवल चीन ही ऐसा है जो कि विकासशील देश की श्रेणी में आता है।

कई सालों से यूएनएसी में सुधार की चर्चा चल रही है। भारत ने जर्मनी, ब्राजील और जापान के साथ मिलकर जी4 बनाया। ये सभी देश यूएनएससी में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहेहैं। हालांकि कई ऐसे देश हैं जो कि इनका अपने हितों के लिए विरोध करते हैं। जैसे की इटली और स्पेन नहीं चाहते कि जर्मनी को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता मिले। इसी तरह पाकिस्तान और चीन नहीं चाहते कि भारत को वीटो पावर मिले। 

भारत आबादी के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा देश है। इसके अलावा आर्थिक मोर्चे पर भी भारत दुनियाभर में मजबूत नजर आ रहा है। भारत परमाणु संपन्न राष्ट्र है।

बात करें अंतरिक्ष विज्ञान की तो भारत दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है। हालांकि यूएनएससी में किसी भी देश को शामिल करने के लिए यूएन चार्टर में संशोधन करना होगा जिसकी बात भारत लंबे समय से कर रहा है। हालांकि चार्टर में संशोधन करने के लिए भी चीन की सहमति जरूरी होगी। बात यहीं पर आकर अटक जाती है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188