Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
किस दिन जन्माष्टमी का व्रत रहेगा सही, ये 4 योग बढ़ा रहे हैं महत्व, वायु पुराण में है जन्माष्टमी व्रत का लाभ… – vishvasamachar

किस दिन जन्माष्टमी का व्रत रहेगा सही, ये 4 योग बढ़ा रहे हैं महत्व, वायु पुराण में है जन्माष्टमी व्रत का लाभ…

वीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

प्रत्येक भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि को विश्व भर में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

6 सितंबर 2023 दिन बुधवार को रात में 7:57 मिनट के बाद अष्टमी तिथि लग जाएगी एवं रोहिणी नक्षत्र भी दिन में 2:39 बजे आरंभ हो जाएगी ।

इसलिए अर्धरात्रि में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का एक साथ संयोग मिल जाने के कारण जयंती योग में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव का महान पर्व व्रत गृहस्थों द्वारा मनाया जाएगा।  

रोहिणी नक्षत्र से युक्त अष्टमी तिथि और दिन बुधवार होने से इस वर्ष का श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत विशेष पुण्यफलदायक है। उदया तिथि में अष्टमी तिथि एवं रोहिणी नक्षत्र का संयोग 7 सितंबर 2023 दिन गुरुवार को प्राप्त हो रहा है। 

आपको बता दें कि इस साल जन्माष्टमी पर रवि और सर्वाथ सिद्धि योग भी बन रहे हैं। सर्वाथ सिद्धि योग जन्माष्टमी पर पूरे दिन रहेगा, कहते हैं इस योग में जो भी काम किए जाते हैं, वो बहुत ही खुशियां लाते हैं, वहीं रवियोग इस दिन 6 बजे सुबह शुरू होगा। 

इस दिन रोहिणी नक्षत्र, रात्रि बुध आदित्य योग के साथ, अमृत समान प्रबल योग बना रहा है। चौघड़ियां शुभ मुहूर्त छह सितंबर को 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक है। 

वृष लग्न में जन्म लेने के कारण भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव वृष लग्न में मनाया जाता है ।

इस वर्ष वृष लग्न के दृष्टिकोण से देखा जाए तो सूर्य अपने स्वराशि में विद्यमान है तथा शनि भी अपने राशि कुंभ में स्वास्थ्य के होकर विद्यमान रहेंगे। साथ ही चंद्रमा अपने उच्च राशि वृषभ में विद्यमान रहेंगे।

मंगल कन्या राशि में विद्यमान रहेंगे । बुधादित्य योग का निर्माण भी हो रहा है। देवगुरु बृहस्पति मेष राशि में विद्यमान रहेंगे।

वही शुक्र कर्क राशि में रहकर इस दिन की शुभता को बढ़ाने वाले होंगे। जन्माष्टमी के दिन व्रत-उपवास जरूर करना चाहिए।

शुभ मुहूर्त-

अष्टमी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 06, 2023 को 03:37 पी एम 
अष्टमी तिथि समाप्त – सितम्बर 07, 2023 को 04:14 पी एम
रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ – सितम्बर 06, 2023 को 09:20 ए एम
रोहिणी नक्षत्र समाप्त – सितम्बर 07, 2023 को 10:25 ए एम 

Janmashtami 2023: पूजा मुहूर्त
घर में जन्माष्टमी की पूजा कर रहे हैं तो शुभ मुहूर्त 6 की रात 11: 57 बजे शुरू होगा।  इसके बाद सभी रात 12:42तक पूजा कर सकते हैं। इस बार रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि दोनों ही 6 सितंबर की रात को है।  

यद्यपि अर्ध रात्रि में यह दोनों योग एक साथ प्राप्त नहीं हो रहा है फिर भी उदया  तिथि को मानने वाले वैष्णव जन भगवान श्री कृष्ण जन्म का जन्म उत्सव 7 सितंबर दिन गुरुवार को बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाएंगे।

इस प्रकार आम जनमानस के लिए 7 सितंबर को जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जाएगा। ग्रहों की स्थिति के आधार पर इस बार सुंदर सहयोग का निर्माण हो रहा है। 

एकादशी उपवास के दौरान पालन किये जाने वाले सभी नियम जन्माष्टमी उपवास के दौरान भी पालन किए जाते हैं।

जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए, बड़ा लाभ होता है। इससे सात जन्मों के पाप-ताप मिटते हैं।


“वायु पुराण” में और कई ग्रंथों में जन्माष्टमी के दिन की महिमा लिखी है। ‘जो जन्माष्टमी की रात्रि को उत्सव के पहले अन्न खाता है, भोजन कर लेता है वह नराधम है’ – ऐसा भी लिखा है, और जो उपवास करता है, जप-ध्यान करके उत्सव मना के फिर खाता है, वह अपने कुल की 21 पीढ़ियां तार लेता है और वह मनुष्य परमात्मा को साकार रूप में अथवा निराकार तत्त्व में पाने में सक्षमता की तरफ बहुत आगे बढ़ जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88