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जब तक जिंदा हूं, आखिरी सांस तक बच्चों के लिए लडूंगा; सीमा हैदर के पाकिस्तानी पति ने बता दिया फ्यूचर प्लान… – vishvasamachar

जब तक जिंदा हूं, आखिरी सांस तक बच्चों के लिए लडूंगा; सीमा हैदर के पाकिस्तानी पति ने बता दिया फ्यूचर प्लान…

 पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत आई सीमा हैदर का पाकिस्तानी पति काफी दुखी है।

सऊदी अरब में रह रहे गुलाम हैदर को अपने चारों बच्चों की याद आ रही है, जिसकी वजह से वह रातभर रोता रहता है।

उसने इस मामले में फ्यूचर प्लान बताते हुए साफ किया है कि वह बच्चों के लिए किसी भी प्लेटफॉर्म पर जाएगा। फिर चाहे भारत ही क्यों न आना पड़े।

हालांकि, उसे घर बिकने का ज्यादा अफसोस नहीं है। इससे पहले, पिछले दिनों उसका एक और वीडियो सामने आया था, जिसमें उमरा करने के दौरान अचानक से उसे बच्चों की याद आ गई थी और उसके आंसू छलक उठे थे। 

फिर से यूट्यूब पर गुलाम हैदर ने बताया कि उसे अपने बच्चों की काफी याद आ रही। उसने बताया कि बच्चे मेरी जान है, मैं उन्हें नहीं छोड़ सकता।

इसके लिए फिर चाहे भारत जाना पड़े मैं जाऊंगा। गुलाम ने बताया कि जब सीमा गई उससे दस दिन पहले बेटी ने कहा था कि उसे स्वीमिंग पूल लेना है प्लास्टिक वाला।

इसके बाद मैंने उससे कहा था कि मैं लेकर दूंगा। मैंने एक बच्चे को मोबाइल लेकर दिया। उनका स्कूल में दाखिला करवाया और ट्यूशन भी पढ़वाता था।

दोपहर 12 बजे तक उनकी छुट्टी होती थी और फिर तीन बजे से पांच बजे तक ट्यूशन पढ़ने के लिए भेज देता था। रोजाना बच्चों से कई बार मेरी बात होती थी। 

गुलाम ने बताया कि उसके और सीमा के बीच सबकुछ ठीक था। उसने कहा, ”मेरे और सीमा में कोई भी दिक्कत नहीं थी। जब वह गई उससे पहले तक कुछ बात नहीं थी।

वह छोटी बच्ची को भी स्कूल भेजना चाहती थी, लेकिन मैंने रोक दिया था कि अभी बहुत छोटी है।” गुलाम ने यह भी बताया कि चारों बच्चों के नाम सीमा और गुलाम, दोनों ने मिलकर रखे हैं। बच्चों को याद करते हुए गुलाम ने कहा, ”यकीन करिए मैं बहुत तकलीफ में हूं। बच्चों की याद आती है। पूरी रातभर मैं बच्चों की याद में रोता हूं। बहुत परेशान हूं। कौन सा दिन आएगा, जब बच्चे साथ आएंगे और हमारा परिवार फिर से एक हो जाएगा।” 

उसने यह बताया कि बच्चों के बिना कोई जिंदगी नहीं है। उसने कहा, ”पहले मेहनत की। यहां पर रिक्शा चलाया, मजदूरी की और मार्बल का भी काम किया। यहां काफी मेहनत की।

मुझे घर जाने का (बिकने) अफसोस नहीं है। घर जो गया है, वह तो दोबारा आ जाएगा। लेकिन सुकून तबाह हो गया। बच्चों को जबरदस्ती लेकर जाना और फिर उन्हें जलील करवाना काफी खराब है।

यकीन करिए मैं बहुत परेशान हूं। बच्चे को मोबाइल दिलवाने की बात पर गुलाम ने कहा कि मेरा बेटा फरहान कह रहा था कि मुझे आईफोन लेना है और अभी ही लेना है, जिस पर उसको कुछ दिन रुकने के लिए बोला।

उसने साफ कर दिया कि वह जब तक जिंदा है, अपनी आखिरी सांस तक बच्चों के लिए लड़ेगा,क्योंकि बच्चे उसकी जान हैं। वह हर प्लेटफॉर्म पर बच्चों की आवाज उठाएगा।

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