Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
बहुत लोग मरे, मणिपुर जैसी हिंसा जिंदगी में नहीं देखी; छलका राज्यपाल का दर्द; 4 आरोपी गिरफ्तार… – vishvasamachar

बहुत लोग मरे, मणिपुर जैसी हिंसा जिंदगी में नहीं देखी; छलका राज्यपाल का दर्द; 4 आरोपी गिरफ्तार…

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने वाली भीड़ का हिस्सा रहे चार लोगों को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने बताया कि बुधवार को सामने आए 26 सेकंड के वीडियो में गिरफ्तार एक आरोपी को कांगपोकपी जिले के बी. फाइनोम गांव में भीड़ को सक्रिय रूप से निर्देश देते हुए देखा जा सकता है।

वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस ने कल रात कहा था कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थाउबल जिले के नोंगपोक सेकमाई थाने में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास जारी हैं।

भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में रात भर चली छापेमारी के बाद एक आरोपी की पहचान 32 साल हुईरेम हेरादास सिंह के रूप में हुई जिसे थाउबल जिले से गिरफ्तार कर लिया गया और एक अन्य व्यक्ति भी गिरफ्तार किया गया है।

ऐसा आरोप है कि भीड़ ने दोनों आदिवासी महिलाओं को छोड़ने से पहले उनका यौन उत्पीड़न किया था। इसी घटनाक्रम में ग्रामीणों ने आरोपी हेरादास सिंह के मकान को आग लगा दी और उसके परिवार को परेशान किया। मणिपुर की राज्यपाल ने घटना को ”अमानवीय” करार दिया है।

घटना की कड़ी निंदा करते हुए राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा, “मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा से लोग डरे हुए हैं। लोग मर रहे हैं। ऐसी हिंसा मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखी। इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार साथ मिलकर काम करना होगा। यहां दो समुदाओं में काफी समस्या है, जबतक इन मसलों को सुलझाया नहीं जाता, तबतक कोई हल नहीं निकलेगा। आपस में जबतक बातचीत नहीं होती तब तक यहां शांति बहाल होना मुश्किल लगता है।”

मणिपुर की राज्यपाल ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, “यहां के लोगों के दुख और दर्द को देखती हूं तो मुझे काफी तकलीफ होती है। लोग मुझ से पूछते हैं कि कब शांति बहाल होगी। कई महीने से घर के घर जल गए हैं। कई लोग मारे गए हैं। आखिर कब तक यह चलता रहेगा। इसके लिए हमें हल निकालने की जरूरत है।”

वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने आगे कहा कि उनकी सरकार राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इसके तहत अलग-अलग समुदायों के विभिन्न सिविल सोसाइटी संगठनों, उद्यमियों, धार्मिक नेताओं से बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा, ”हम लंबे समय से साथ रहते आए हैं और भविष्य में भी साथ रहेंगे, समुदायों के बीच की गलतफहमी दूर की जा सकती है और बातचीत के जरिए इसे सुलझाया जा सकता है ताकि हम फिर से शांतिपूर्ण तरीके से साथ रह सकें।”

मेइती समुदाय के प्रभावशली संगठन… कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी (सीओसीओएमआई) ने भी एक बयान जारी करके कहा कि वह ”मणिपुर के सुदूर गांव में दिन-दहाड़े दो महिलाओं को निर्वस्त्र परेड कराने की बर्बर और असभ्य हिंसक घटना” की कटु आलोचना करते हैं। बयान में कहा गया कि सीओसीओएमआई आरोपियों को ढूंढ़ निकालने का हर प्रयास कर रहा है, फिर चाहे वे किसी भी कोने में हों।

बयान में कहा गया, ”वीडियो क्लिप को लेकर पूरा मेइती समुदाय शर्मिंदा और गुस्से में है… सीओसीओएमआई इस पर यकीन रखता है कि इस जघन्य घटना में शामिल लोगों को मेइती समुदाय किसी रूप में नहीं बख्शेगा और अपराध में शामिल सभी लोगों को समुचित दंड दिया जाएगा।” मणिपुर में चार मई को हुई इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों में शामिल महिला हाहत वाइफेई ने दावा किया कि बी. फाइनोम गांव के लोगों ने एक दिन पहले भी ऐसी ही घटना को अंजाम देने के प्रयास को विफल किया था।

पड़ोसी राज्य मिजोरम के एक यू-ट्यूब चैनल से वाइफेई ने कहा, ”जब हम गांव छोड़कर जाने लगे तो भीड़ ने हमें पकड़ लिया। वे हमें घसीटकर गांव से बाहर ले गए, जबकि हम मिन्नतें करते रहे।” उन्होंने बताया कि भीड़ ने दो महिलाओं को पहले जबरन निर्वस्त्र घुमाया और फिर उनके साथ बलात्कार किया। राज्य में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर मेइती समुदाय द्वारा पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) वाले दिन मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी और अभी तक इसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।

मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88