Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
धमतरी : तर्रागोंदी की शीला जैन ने गोबर बेचकर गोवंश के लिए बनाया पक्का मकान….. – vishvasamachar

धमतरी : तर्रागोंदी की शीला जैन ने गोबर बेचकर गोवंश के लिए बनाया पक्का मकान…..

धमतरी : तर्रागोंदी की शीला जैन ने गोबर बेचकर गोवंश के लिए बनाया पक्का मकान…..

OFFICE DESK : समृद्ध व ऐतिहासिक महत्व को संजोए हुए धमतरी जिला के अंतिम छोर में बसा है ग्राम तर्रागोंदी। यहां भी गोधन न्याय योजना की अलख जल रही है। गांव में 100 से अधिक पशुपालक हैं, जिनके हाथ गोबर से सने हुए हैं तथा गोबर बेचकर आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर है।

खेतिहर मजदूर, किसान, चरवाहा के लिए वरदान साबित हो रही यह योजना पशुपालकों के चेहरे में मुस्कान लौटायी है, वहीं छोटे स्तर पर धंधा करने वाले लोगों को भी बड़ी राहत दिलाई है।

ग्राम कुरूद विकासखण्ड के ग्राम तर्रागोंदी निवासी महिला पशुपालक श्रीमति शीला जैन गोबर बेचकर प्रत्यक्ष लाभ कमा रही है। श्रीमति जैन व उनके परिवार का मुख्य कार्य किराना व्यवसाय है। गांव में दुकान होने से आमदनी कम होती है, जिससे परिवार का भरण-पोषण तो हो जाता है,

किन्तु पारिवारिक जिम्मेदारियां या बड़े काम करने के लिए हमेशा रूपयों का अभाव बना रहता था। सदाचार, सात्विक, शाकाहारी व पशुपालन को महत्व देने की विचारधारा से प्रेरित होकर शुरूआत में श्रीमती जैन ने दो मवेशियों का पालन किया। इससे उनकी पारिवारिक जरूरतें तो पूरी होने लगी, साथ ही दूध, मही, मक्खन, घी बेचने का खयाल भी मन में आया। इस उद्देश्य से उनके द्वारा मवेशी की संख्या बढ़ाई गई,

जिससे आमदनी तो बढ़ी, लेकिन मवेशियों को रखने के लिए आश्रय स्थल (कोठा) निर्माण करवाने में असमर्थ रही। इस बीच प्रदेश सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गांव के गौठान में गोबर बेचने की शुरूआत की गई। श्रीमति जैन भी अन्य पशुपालकों की तरह गौठान में गोबर बेचना शुरू की।

उन्होंने योजना प्रारंभ से अब तक 270 क्विंटल 30 किलो गोबर बेचीं, जिससे उन्हें 54 हजार 60 रूपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। प्राप्त राशि का उपयोग पशुओं के लिए पक्का आश्रय स्थल (कोठा) निर्माण में की गई।

पहले जिस गोबर को अन्यत्र फेंक देते थे, अब शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना से जुड़कर हजारों रूपये की कमाई होना, सपना पूरा होने जैसा है। वहीं गोबर से रूपये मिलने व गोबर बेचकर अब पक्का कोठा बन जाने से पशुओं का स्वास्थ्य अच्छा रहता है व दूध उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है। मुस्कुराते हुये सहज भाव से श्रीमति जैन कहती हैः-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88