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वैभव लक्ष्मी व्रत कब और कैसे करें, यहां जानें सही विधि समेत जरूरी नियम… – vishvasamachar

वैभव लक्ष्मी व्रत कब और कैसे करें, यहां जानें सही विधि समेत जरूरी नियम…

प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि इनकी कृपा से इंसान की जिंदगी में आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है।

शास्त्रों में धन की देवी मां लक्ष्मी के कई नामों का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही इनके कई अलग-अलग स्वरूपों का भी वर्णन किया गया है।

धर्म शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए वैभव लक्ष्मी का व्रत करना उत्तम और शुभ फलदायी होता है।

हालांकि इस व्रत से जुड़े कई कठोर नियम भी हैं। आइए जानते हैं कि वैभव लक्ष्मी व्रत कब, कैसे करें और इससे जुड़े खास नियम क्या-क्या हैं।

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक वैभव लक्ष्मी व्रत को शुक्रवार से शुरू करना शुभ होता है। ऐसे में जिस दिन आप व्रत की शुरुआत करें उस दिन से अगले 11 या 21 शुक्रवार के व्रत का संकल्प धारण करें।

संकल्प पूर्वक व्रत धारण करके इसका समापन करें। 11 या 21 शुक्रवार तक वैभव लक्ष्मी का व्रत करने के बाद इसका उद्यापन भी किया जाता है। व्रत के उद्यापन के बाद ही इसका पूरा फल मिलता है। 

कैसे करें वैभव लक्ष्मी व्रत 

– शुक्रवार के दिन सुबह स्नान कर साफ, धुले वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें। लाल या सफेद रंग के कपड़े पहनना अच्छा होगा। पूरे दिन आप फलाहार करके यह व्रत रख सकते हैं।

-शुक्रवार को शाम को दोबारा स्नान करने के बाद पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। इस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या मूर्ति और श्रीयंत्र स्थापित करें ।

– वैभव लक्ष्‍मी की तस्‍वीर के सामने मुट्ठी भर चावल का ढेर लगाएं और उस पर जल से भरा हुआ तांबे का कलश स्‍थापित करें। कलश के ऊपर एक कटोरी में चांदी के सिक्के या कोई सोने-चांदी का आभूषण रखें।

– रोली, मौली, सिंदूर, फूल,चावल की खीर आदि मां लक्ष्मी अर्पित करें। पूजा के बाद वैभव लक्ष्मी कथा का पाठ करें। वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें और अंत में देवी लक्ष्मी की आरती कर दें। शाम को पूजा के बाद अन्न ग्रहण कर सकते हैं।

वैभव लक्ष्मी मंत्र

या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। 
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥

या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। 
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम |Vaibhav Laxmi Vrat Rules

  • व्रत का पारण मां लक्ष्मी की प्रसाद में चढ़ाई खीर से करें।
  • इस दिन खट्‌टी चीजें नहीं खानी चाहिए।
  • वैभव लक्ष्मी व्रत में श्रीयंत्र की पूजा अवश्य करें।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। वार्ता 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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