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सिद्धिविनायक अस्पताल में इलाज में लापरवाही के चलते हुई थी 10 माह के शिवांश की मौत; लाइसेंस रद्द… – vishvasamachar

सिद्धिविनायक अस्पताल में इलाज में लापरवाही के चलते हुई थी 10 माह के शिवांश की मौत; लाइसेंस रद्द…

दुर्ग जिले के सिरसा गेट भिलाई 3 स्थित सिद्धिविनायक (बच्चों का अस्पताल) का लाइसेंस रद्द कर दिया गया।

छत्तीसगढ़ नर्सिंग होम एक्ट नियम 2010 और 2013 के उल्लंघन पर अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई है।

जिला प्रशासन ने सूचना जारी कर इस बारे में बताया कि सिद्धिविनायक अस्पताल में पोस्टेड डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की लापरवाही से 10 माह के बच्चे शिवांश वर्मा की मृत्यु हुई थी। जांच के दौरान पाया गया है कि उसके इलाज में लापरवाही बरती गई है।

बच्चे की मौत के बाद सीएमएचओ दुर्ग के निर्देशन में मामले की जांच की गई। जांच में दोषी पाए जाने के बाद अस्पताल में कार्यरत 4 डॉक्टर्स सहित 7 के खिलाफ भिलाई तीन थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।

पुलिस ने सिद्धिविनायक हॉस्पिटल के डॉ. संमीत राज प्रसाद, डॉ. दुर्गा सोनी, डॉ. हरिराम यदु, डॉ. गिरीश साहू, विभा साहू, आरती साहू और निर्मला यादव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था।

इसी दौरान सीएमएचओ दुर्ग ने बीते 11 दिसंबर को अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नोटिस जारी की थी। नोटिस के 30 दिन पूरे होने के बाद 12 दिसंबर को उसका लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई।

नर्स के गलत इंजेक्शन लगाने से हुई थी मौत
देव बलौदा निवासी महेश कुमार वर्मा अपने नाती शिवांश वर्मा को सर्दी-खांसी की शिकायत होने पर 27 अक्टूबर 2022 को सिद्धिविनायक अस्पताल लाए थे।

यहां तीन दिन तक इलाज के बाद 31 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई। इस मामले में बच्चे के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया।

जांच करने पर पता चला कि सिद्धिविनायक अस्पताल में चेकअप कराने पर डॉ. एस.आर. प्रसाद की ओर से बच्चे की सांस ज्यादा चलने की बात कही गई थी। बच्चे को ICU में भर्ती कर ऑक्सीजन देना शुरू किया गया।

दूसरे दिन एक्स-रे कराकर बताया गया कि बच्चे के फेफड़े में कफ भरा है। बच्चे को भर्ती कर दवाई दी गई तो कंट्रोल हो गया।

31 अक्टूबर को डॉक्टर की गैरमौजूदगी में नर्स की ओर से इंजेक्शन लगाया गया जिससे 06.40 बजे शिवांश ने दम तोड़ दिया।

इलाज में इनकी पाई गई लापरवाही
महेश की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और लिपिक कर्मचारी का संयुक्त जांच दल गठित किया गया।

इस टीम ने सीएमएचओ के निर्देश पर जांच किया। जांच में चिकित्सक अधिकारी डॉ.संमीत राज प्रसाद, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. दुर्गा सोनी, डॉ. हरिराम यदु, डॉ. गिरीश साहू एवं पैरामेडिकल स्टाफ कुमारी विभा साहू, आरती साहू, कुमारी निर्मला यादव की ओर से शिवांस वर्मा के इलाज में लापरवाही बरतने से मौत होना पाया गया।

अस्पताल प्रबंधन पर लगा 20 हजार का जुर्माना
दुर्ग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जेपी मेश्राम ने नर्सिंग होम एक्ट के तहत सिद्धिविनायक अस्पताल की मान्यता रद्द करने के लिए न सिर्फ नोटिस जारी किया, बल्कि अस्पताल प्रबंधन पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था।

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