Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
मोदी-जिनपिंग की मिनटों की मुलाकात में बन गई थी बात? भारत से तनाव कम करना चाहता है चीन… – vishvasamachar

मोदी-जिनपिंग की मिनटों की मुलाकात में बन गई थी बात? भारत से तनाव कम करना चाहता है चीन…

अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन भारत से तनाव कम करना चाहता है।

इसके लिए चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ उसके संबंधों में दखल न दें।

मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई इलाकों में भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच गतिरोध चल रहा है। इसके बीच यह खबर बेहद अहम है।

अमेरिका को चेताया
अमेरिकी संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ टकराव के बीच चीनी अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कमतर दिखाने की कोशिश की है।

इस बात पर जोर दिया है कि चीन की मंशा सीमा पर स्थिरता कायम करना और भारत के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों को गतिरोध से होने वाले नुकसान से बचाना है।

चीन की सैन्य निर्माण क्षमता पर पेश हालिया रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा, चीनी तनाव कम करने की कोशिशों में जुटा है, ताकि भारत अमेरिका के और करीब न जाए।

चीन के अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप न करें।

बातचीत में न्यूनतम प्रगति
पेंटागन ने कहा कि वर्ष 2021 के दौरान पीएलए ने भारत-चीन सीमा के एक खंड पर सैन्य बलों की तैनाती बरकरार रखी और एलएसी के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण भी जारी रखा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच वार्ता में न्यूनतम प्रगति हुई है, क्योंकि दोनों पक्ष सीमा पर अपने-अपने स्थान से हटने का विरोध करते हैं।

पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था।

सैन्य बल वापसी की मांग
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य बलों की वापसी की मांग कर रहे हैं और गतिरोध पूर्व की स्थिति में लौटना चाहते हैं, लेकिन न तो चीन और न ही भारत उन शर्तों पर सहमत हैं, जिसके कारण टकराव जैसी स्थिति बनी हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2020 की झड़प के बाद से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने लगातार सैन्य बलों की उपस्थिति बनाए रखी है और वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की गलवान घाटी की घटना पिछले 46 वर्षों में दोनों देशों के बीच संघर्ष की सबसे घातक घटना थी।

चीन ने इससे पहले भारत के साथ उसके सीमा विवाद पर बयान देने के लिए अमेरिका की आलोचना की थी।

भारत लगातार यह कहता रहा है कि एलएसी पर अमन-चैन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

सीमा पर गतिरोध को हल करने के लिए भारतीय और चीनी सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की बैठकें की हैं।

भारत का रुख
चीन के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर साफ कह चुके हैं कि सीमा पर जैसा बर्ताव होगा, उसका वैसा ही जवाब दिया जाएगा।

सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धैर्य ही दोनों देशों के बीच सामान्य संबंध का आधार हैं। सेंटर फॉर कंटेम्पररी चाइना स्टडीज के सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि मौजूदा गतिरोध के जारी रहने से भारत या चीन को कोई फायदा नहीं होगा।

ऐसे में दोनों देशों को अपने संबंधों के बारे में दीर्घकालीन दृष्टिकोण अपनाने की इच्छा ही प्रदर्शित करनी चाहिए।

उन्होंने कहा था कि भारत को अपने पड़ोसियों से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।

चीन की चालाकी
पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना कंबोडिया, थाइलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्‍तान, श्रीलंका, यूएई, केन्‍या, सेशेल्‍स, इक्‍वेटोरियल गिनी, तंजानिया, अंगोला और ताजिकिस्‍तान में अपने सैन्‍य केंद्र बनाने की योजना पर विचार कर रही।

इससे दक्षिण चीन सागर से लेकर अफ्रीका तक समुद्र में चीनी सेना का दबदबा बढ़ जाएगा। चीन कंबोडिया में रीआम नेवल बेस बना रहा जहां से हिंद महासागर में चीनी सेना की पहुंच मजबूत हो जाएगी।

जी-20 सम्मेलन में मिले थे मोदी-जिनपिंग
इंडोनेशिया के बाली में कुछ दिनों पहले हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आमना-सामना हुआ था।

गलवान में वर्ष 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसा हुई थी, उसके बाद पहली बार दोनों आमने-सानमे आए, हाथ मिलाया और कुछ देर तक बात भी की थी। इससे संबंधों में सुधार के संकेत के तौर पर देखा गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88