Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
दंतेवाड़ा : नाग मंदिर के मूलस्वरूप को बनाए रखते हुए होगा सौंदर्यीकरण -कलेक्टर….. – vishvasamachar

दंतेवाड़ा : नाग मंदिर के मूलस्वरूप को बनाए रखते हुए होगा सौंदर्यीकरण -कलेक्टर…..

दंतेवाड़ा : नाग मंदिर के मूलस्वरूप को बनाए रखते हुए होगा सौंदर्यीकरण -कलेक्टर

दंतेवाड़ा। जिले के गीदम बारसूर मार्ग पर छग का एकमात्र नाग मंदिर स्थापित है, यह मंदिर नागफनी गांव में है। इस गांव में नाग पंचमी के दिन विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।

मान्यता है कि नाग देवता यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। यही वजह है कि यहां रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिये पहुंचते हैं।

नाग देवता के प्रति लोगों की बढ़ती आस्था और मंदिर की स्थिति को देख जिला प्रशासन ने इसके कायाकल्प की जिम्मेदारी उठाई है। कलेक्टर विनीत नंदनवार ने इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है।

नागफनी मंदिर का मेन गेट के उपरी हिस्से में नाग की आकृतियां दिखाई देगी। मंदिर के स्तंभों पर भी कलाकृतियां परिलक्षित होंगी। मंदिर को भव्य स्वरूप देने के लिए मंदिर की छत पर दो शिखर स्थापित हैं।

नागफनी की मूर्ति को मंदिर के ऊपर स्थापित किया गया है, यह प्रदर्शित करने के लिए कि यह नाग देव को समर्पित है। मंदिर को देखने में अधिक सुखद बनाने के लिए, विस्तृत अलंकृत प्रावरणी और कंगनी छत के नीचे सजावट के लिये दीवार पर उभरी गई पट्टी जोड़े गए हैं,

जैसा कि मंदिर की वास्तुकला में देखा गया है। मौजूदा यज्ञ शाला के संबंध में मेला शेड में पक्की छत दी गई है। नाग पंचमी और महाशिवरात्रि के मौके पर यहां मेला लगता है।

मेलों के लिए शेड का निर्माण किया जाता है। बेंच का डिजाइन भारतीय वास्तुकला से प्रेरित है। मौजूदा यज्ञ शाला को मंदिर शैली के साथ मिलाने के लिए सुशोभित किया गया है।

मंदिर की मौजूदा समाधि को घेर लिया गया है। मंदिर परिसर में एक उत्कृष्ट रूप देने के लिए, फव्वारे का आकार एक फूल के आकार से खींचा जाता है और उसके ऊपर शेषनाग की एक मूर्ति रखी गई है।

प्राकृतिक छटा के साथ बैठने के लिए चबूतरे पूरे मंदिरों में बनाई गई हैं। मंदिर परिसर में ही प्लेटफार्म बनाए गए हैं, ताकि पर्यटक मौजूदा अवशेषों को देख सकें।

इसके साथ ही मंदिर में पारंपरिक आले दिए गए हैं और जाली वाली खिड़कियों को बदल दिया गया है। मौजूदा स्तंभ को अलंकरणों से अलंकृत किया गया है और एक नाग मूर्तिकला पर केंद्रित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188