Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
मछुआरा सम्मेलन 21 नवम्बर को रायपुर में… – vishvasamachar

मछुआरा सम्मेलन 21 नवम्बर को रायपुर में…

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में विश्व मात्सिकी दिवस के अवसर पर 21 नवम्बर को राज्य स्तरीय मछुआरा सम्मेलन का आयोजन  पूर्वान्ह 11.30 बजे से पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम रायपुर में होगा।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे करेंगे। मछुआरा सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न अंचलों के उत्कृष्ट मत्स्य पालकों, मछुआ सहकारी समिति एवं मछुआ समूहों के सदस्य शामिल होंगे। 

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, कुवंरसिंह निषाद एवं सुश्री शकुन्तला साहू, विधायक धरसींवा श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, महापौर एजाज ढेबर, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एम.आर. निषाद, अध्यक्ष खनिज विकास बोर्ड गिरीश देवांगन, उपाध्यक्ष मछुआ कल्याण बोर्ड राजेन्द्र धीवर, सदस्य जिला पंचायत रायपुर हरिशंकर निषाद, सभापति नगरपालिक निगम बिरगांव कृपाराम निषाद, श्रीमती गायत्री कैवर्त, सर्वश्री सुरेश कुमार धीवर, देवव्रत आदित्य, भुवनलाल अवसरिया, संतोष मल्लाह, मोहन लाल निषाद, मछुआ कल्याण बोर्ड के सदस्य सर्वश्री दिनेश फूटान, देवकुमार निषाद, आर.एन.निषाद, श्रीमती अमृता निषाद, प्रभु मल्लाह, विजय धीवर कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि होंगे। 

छत्तीसगढ़ का देश में छठवां स्थान 

छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य उत्पादन एवं मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में निरंतर नई उंचाईयों की ओर अग्रसर है। लैण्डलॉक प्रदेश होने के बावजूद भी इस मामले में राज्य देश में छठवें स्थान पर है।

राज्य में अब तक 6843 हेक्टेयर नवीन तालाबों का निर्माण कर राज्य का जलक्षेत्र 1.96 लाख हेक्टेयर तक विकसित कर लिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य 302 करोड़ मत्स्य बीज (स्टैण्डर्ड फ्राई) का उत्पादन और 5.91 लाख मीट्रिक टन, मछली का उत्पादन करके देश में छठवें स्थान पर है। 

छत्तीसगढ़ से मछली एवं मछली बीज का निर्यात अन्य राज्यों को किया जा रहा है। उपभोक्ताओं तक ताजी मछली के विपणन हेतु विगत 3 वर्षों में राज्य के मछुओं को 3303 मोटर सायकल सह आइस बाक्स, जीवित मछलियों के परिवहन के लिए 10 पिकअप वाहन, एवं 03 वातानुकूलित वाहन उपलब्ध कराये गये हैं।

राज्य के मछुआरों को तकनीकी रूप से सशक्त करने के लिए विभाग की शिक्षण-प्रशिक्षण योजना के तहत् प्रति वर्ष राज्य के लगभग 17 हजार मछुआरों को प्रशिक्षण देकर तकनीकी रूप से उन्नत किया गया है। 

राज्य में मत्स्य कृषक केज कल्चर, आर.ए.एस., बायो-फ्लॉक जैसी नवीन तकनीक को अपना कर राज्य में मत्स्य विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। राज्य में अब तक 19 जलाशयों एवं 02 खदानों में 4021 केज की स्थापना की गई है।

इसी प्रकार 06 आर.ए.एस. और 165 बायोफ्लॉक इकाईयां स्थापित की गई है, जो पंगेसियस, मोनोसेक्स तिलापिया के साथ-साथ विलुप्त हो रही आर्थिक महत्व की अन्य महत्वपूर्ण मछलियों जैसे देशी मोंगरी, सिंधी, पाबदा जैसी मछलियों के पालन व उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

राज्य में गुणवत्तापूर्ण पर्याप्त मत्स्य बीज की उपलब्धता में वृद्धि के लिए नवीन मत्स्य बीज हेचरियों की स्थापना को बढ़ावा दिया जा रहा है।

राज्य में मत्स्य आहार की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मत्स्य आहार संयंत्र की स्थापना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विगत वर्षों में उच्च क्षमता की 02 एवं मध्यम क्षमता की 04 फीड मिल की स्थापना की जा चुकी है।

मछुआरों के परिजनों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समूह दुर्घटना बीमा योजना के तहत् राज्य के 2.21 लाख मछुआरों का बीमित किया गया है।

बीमित मछुआरा की दुर्घटनावश मृत्यु हो जाने पर नामित वारिस को राशि रूपये 5 लाख एवं स्थाई विकलांगता की स्थिति में रूपये 2.50 लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है ताकि संकट की घड़ी में परिजनों को आजीविका की समस्या से न जूझना पडे़।

कबीरधाम जिले में स्व. पुनाराम निषाद मात्स्यिकी महाविद्यालय की स्थापना की गई है। नवीन मात्स्यिकी पॉलीटेक्निक कालेज राजपुर की स्थापना विकासखंड धमधा जिला दुर्ग में की गई है।

राज्य में मात्स्यिकी के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रशिक्षण तथा उन्नत प्रजातियों की मछलियों के विकास के लिए ब्रूड बैंक एवं अनुसंधान इकाई की स्थापना ग्राम अकोली जिला बेमेतरा में की जा रही है।

छत्तीसगढ़ में मछलीपालन कार्य को कृषि का दर्जा देकर राज्य के मधुओं, मत्स्य उत्पादकों को बड़ी राहत दी गई है।

जिससे मछुआरों को भी कृषि के समान विद्युत दर, सिंचाई दर एवं संस्थागत ऋण सहायता कम दर पर प्राप्त हो रही हैं, जिससे उत्पादन लागत में कमी आई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188