Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
राज्योत्सव: वन विभाग के स्टॉल में वनवासियों के उत्थान के लिए संचालित योजनाओं का जीवंत प्रदर्शन… – vishvasamachar

राज्योत्सव: वन विभाग के स्टॉल में वनवासियों के उत्थान के लिए संचालित योजनाओं का जीवंत प्रदर्शन…

स्टॉल में परम्परागत वैद्य दे रहे निःशुल्क परामर्श एवं औषधि

मानव-हाथी द्वंद के रोकथाम उपाय के बारे में दी जा रही जानकारी

राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित समारोह में लगाए गए वन विभाग के स्टॉल में वनवासियों के उत्थान के लिए संचालित योजनाओं के जीवंत प्रदर्शन को देखकर लोगों द्वारा खूब सराहना की जा रही हैं।

स्टॉल में छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप बोर्ड की ओर से प्रतिदिन परंपरागत वैद्यों द्वारा निःशुल्क परामर्श और औषधि दिए जा रहे है।

गौरतलब है कि वन विभाग के स्टॉल में बोर्ड द्वारा औषधीय पौधों के मॉडल नर्सरी तथा औषधीय पौधों के कृषिकरण कार्य को प्रदर्शित किया गया है।

इसके अलाव स्टॉल में होम हर्बल गार्डन योजना तथा परंपरागत वैद्यों के उपचार पद्धतियों, हर्बल गार्डन, हीलर हर्बल गार्डन, स्कूल, इंस्टीट्यूशनल गार्डन, वन क्षेत्रों में औषधीय पौधों का रोपण कार्य, कृषकों के क्षमता विकास हेतु प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी, बोर्ड द्वारा किए जा रहे प्रचार-प्रसार कार्यों, महिलाओं के सशक्तिकरण कार्यों, औषधीय पौधों से संबंधित अन्य अनुवांशिक कार्य की जानकारी भी दी जा रही है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के दिशा-निर्देशन में तैयार वन विभाग के स्टॉल को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।

स्टॉल के अलग-अलग भाग में संयुक्त वन प्रबंधन समिति तथा महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा प्रसंस्करण के कार्यों, नरवा विकास परियोजना अंतर्गत भू-जल संरक्षण का विशाल प्रादर्श (मॉडल), छत्तीसगढ़ हर्बल संजीवनी के स्टॉल व अन्य उत्पाद के स्टॉल लगाए गए हैं।

इसी तरह वन्यप्राणी संरक्षण प्रभाग अंतर्गत मानव-हाथी द्वंद के रोकथाम उपाय आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है।

जिसमें बताया गया है कि हाथी को देखते ही वन अमला को सूचना दें। हाथी आगमन की सूचना पर दल बनाकर रात्रि गश्त करें।

हाथियों से अधिक दूरी बनाकर रखें। यदि हाथी आपके पीछे दौड़ते हैं तो सीधे न दौड़कर आड़े-तिरछे दौड़ें। यदि पहाड़ी क्षेत्र में हैं तो ढलान की दिशा में दौड़ें।

बच्चों, महिलाओं एवं वृद्धों को हाथी के समीप न जाने दें। सोने के कमरे में अनाज भण्डारित न करें। हाथी से छेड़छाड़ एवं उन्हें जख्मी न करें। खुले खलिहान में न सोयें। अकेले-दुकेले जंगल में न जाएं। 

खेत में हाथी आने पर अकेले हाथी को भगाने का प्रयास न करें। हाथी प्रभावित गांव में सुदूर क्षेत्र में अकेले बने हुए घर में न सोयें।

हाथी के साथ सेल्फी लेने का प्रयास न करें। हाथी को चारों तरफ से न घेरें। रिहायशी मकान में हड़िया दारू एवं महुआ न रखें।

गौरतलब है कि प्रदेश में लगभग 287 जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं।

मानव-हाथी द्वंद प्रबंधन के तहत वन विभाग द्वारा वनमंडलों में 14 गजराज वाहन उपलब्ध कराये गए है और ‘सजग‘ एलीफेंट अलर्ट सिस्टम 139 गांवों में स्थापित किया गया है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88