Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
अमृतसर के बाद आतंकियों से डील ही था आखिरी ऑप्शन, IC 814 कंधार हाईजैक में कहां हुई चूक, पूर्व RAW चीफ ने बताया… – vishvasamachar

अमृतसर के बाद आतंकियों से डील ही था आखिरी ऑप्शन, IC 814 कंधार हाईजैक में कहां हुई चूक, पूर्व RAW चीफ ने बताया…

हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई 1999 कंधार हाईजैक की कहानी ने एक बार देश को उस दिल दहला देने वाली घटना की याद दिला दी है।

इंडियन एयरलाइन्स के विमान आईसी 814 को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हाईजैक कर दिया था और वे विमान को दिल्ली के बजाय अमृतसर, लाहौर और दुबई से होते हुए अफगानिस्तान के काबुल ले गए थे।

करीब आठ दिनों तक विमान में सवार क्रू मेंब सहित 179 यात्रियों की सांसे अटकीं रही। आखिर विमान अपहरण जैसी बड़ी वारदात कैसे हो गई? और क्यों विमान के अमृतसर में 50 मिनट ठहरने के बावजूद भारतीय सुरक्षाकर्मी मौके को भुना नहीं पाए और आखिरकार आतंकियों से डील करनी पड़ी? खुफिया एजेंसी रॉ के तत्कालीन प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने इस पर विस्तार से जानकारी दी।

IC814 वेबसीरीज में पाकिस्तानी आतंकियों के नाम हिंदू दिए जाने को लेकर देशभर में विवाद चरम पर है। सीरीज को बैन करने की भी मांग उठी है। दरअसल, आतंकियों के सीरीज में नाम- चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर बताए गए हैं।

आतंकियों के नाम भोला और शंकर किए जाने को लेकर विवाद है। गृह मंत्रालय द्वारा इस मामले में समन जारी होने के बाद नेटफ्लिक्स ने स्पष्टीकरण दिया है कि शुरुआत में ही वे आतंकियों के असली नाम कोट करेंगे। यह भी जानकारी देंगे कि आतंकियों ने वे नाम कोड नेम के तौर पर इस्तेमाल किए थे।

हमारी स्थिति के हिसाब से वो अच्छी डील थी

इस सीरीज़ ने कई मुद्दों पर बहस को फिर से हवा दे दी है, जिसमें सरकार और विभिन्न एजेंसियों द्वारा स्थिति को संभालना भी शामिल है। इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए पूर्व रॉ चीफ एएस दुलत ने कंधार हाईजैक की उस घटना को याद करते हुए स्वीकार किया कि निर्णय लेने में हमसें कई गलतियां हुई।

दुलत ने कहा, “जब विमान अमृतसर में उतरा, तो हमारे पास यह सुनिश्चित करने का अवसर था कि यह भारतीय क्षेत्र से बाहर न जाए।

लेकिन जब यह अमृतसर से निकला, तो आतंकियों के साथ डील करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हमने अपना बेस्ट किया और हमारी परिस्थितियों के अनुसार, वह आतंकियों से अच्छी डील थी।

अमृतसर में हमसे बड़ी चूक हुई

उन्होंने आगे कहा, “कोई निर्णय नहीं लिया गया। मैंने यह बात पहले भी कई बार कही है, यहां तक ​​कि जब यह घटना हुई थी, तब भी कहा था।

अमृतसर में एक बड़ी गलती हुई थी।” काठमांडू से दिल्ली जा रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को 24 दिसंबर 1999 को भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही पांच आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था।

विमान को ईंधन भरने के लिए अमृतसर में उतारा गया और 50 मिनट तक वहीं खड़ा रखा गया। इसके बावजूद पंजाब पुलिस और केंद्रीय खुफिया बलों सहित अधिकारी इस बढ़त को हासिल नहीं कर पाए।

दुलत ने कहा, “हम सभी वहां मौजूद थे और हमें फैसला लेना चाहिए था। मैं किसी का नाम लेकर दोष नहीं देना चाहता। इतने सालों के बाद यह उचित नहीं है। मैं भी उतना ही दोषी हूं जितना कोई और।”

पंजाब डीजीपी से क्या बात हुई?

पूर्व रॉ प्रमुख ने अपहरण की स्थिति पर पंजाब के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सरबजीत सिंह के साथ अपनी लंबी बातचीत के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “मैंने पंजाब के डीजीपी से बातचीत की, जिन्होंने मुझे बताया कि वह केपीएस गिल नहीं हैं और वह अपनी नौकरी को दांव पर नहीं लगाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री (प्रकाश सिंह बादल) ने उनसे कहा है कि वह अमृतसर में खून-खराबा नहीं चाहते हैं। यहां तक ​​कि दिल्ली भी यही संकेत दे रही थी। डीजीपी ने कहा कि वे विमान पर हमला कर सकते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि कितने लोग हताहत हो सकते हैं। इसलिए खून-खराबे के नाम पर कोई भी फैसला नहीं लेना चाहता था।”

पंजाब डीजीपी ने कहा था- दिल्ली ऑर्डर दे तो ऐक्शन लूंगा

दुलत ने कहा कि पंजाब पुलिस को यह बताया जाना जरूरी था कि विमान अमृतसर से बाहर न जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दिलचस्प बात यह है कि डीजीपी सरबजीत सिंह ने आधिकारिक तौर पर कहा था कि यदि उन्हें दिल्ली से स्पष्ट निर्देश मिलते तो वे निर्णय लेते। इस पर दुलत ने कहा, “मैं उनसे सहमत हूं। लेकिन उन्होंने क्या किया होगा, मुझे नहीं पता। वह सही थे जब उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली से निर्देश मिलने का इंतजार कर रहे हैं, जो कभी नहीं हुआ।”

ISI की भूमिका

जब विमान अपहरण में आईएसआई की भूमिका के बारे में पूछा गया तो दुलत ने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी निश्चित रूप से इसमें शामिल थी।

उन्होंने कहा, “इसमें निश्चित रूप से आईएसआई की भूमिका थी, इसमें कोई संदेह नहीं है। यह हमारी रिपोर्टों से सिद्ध नहीं हुआ है, लेकिन एक पाकिस्तानी पत्रकार की भी रिपोर्ट थी, जो कंधार में था। उसने बताया कि आईएसआई की भूमिका और उसने पूरे ऑपरेशन को कैसे नियंत्रित किया? यह बहुत स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *