Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
60 हजार जवान नहीं ला पा रहे शांति, उन्हें वापस बुलाएं; CM के दामाद का अमित शाह को पत्र… – vishvasamachar

60 हजार जवान नहीं ला पा रहे शांति, उन्हें वापस बुलाएं; CM के दामाद का अमित शाह को पत्र…

मणिपुर के भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सोमवार को केंद्र से अनुरोध किया कि यदि केंद्रीय बलों की मौजूदगी से हिंसा नहीं रुकती तो राज्य से उनको वापस बुला लिया जाए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में सिंह ने कहा कि यदि केंद्रीय बल ऐसा करने में विफल रहते हैं तो जातीय संघर्ष प्रभावित राज्य में शांति बहाल करने के प्रयास के लिए राज्य सुरक्षा कर्मियों को कार्यभार संभालने की अनुमति दी जानी चाहिए।

सिंह ने कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बावजूद शांति नहीं आई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सिंह, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद भी हैं।

उन्होंने कहा, ‘मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी शांति स्थापित नहीं कर पा रही है, इसलिए बेहतर है कि ऐसे बलों को हटा दिया जाए जो ज्यादातर मूकदर्शक के रूप में मौजूद रहते हैं।’

उन्होंने इस बात को माना कि राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग की कमी के कारण हाल में असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को वापस बुलाने की कार्रवाई की गई।

सिंह ने कहा, ‘हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से प्रसन्न हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं, लेकिन यदि इन और अन्य केंद्रीय बलों की उपस्थिति हिंसा को नहीं रोक सकती है, तो बेहतर है कि उन्हें हटा दिया जाए और राज्य बलों को कार्यभार संभालने और शांति लाने दिया जाए।’

सिंह ने प्रस्ताव रखा कि केन्द्र सरकार एकीकृत कमान प्राधिकरण को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार को हस्तांतरित करे। उन्होंने हिंसा को रोकने में वर्तमान व्यवस्था को अप्रभावी बताते हुए इसकी आलोचना की तथा तर्क दिया कि इस समय एकीकृत कमान को निर्वाचित सरकार को हस्तांतरित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

भाजपा विधायक ने कहा, ‘केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपनी होगी और राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।’

पिछले वर्ष राज्य में हिंसा भड़कने के बाद गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।

विभिन्न एजेंसियों और बलों की रिपोर्टों की देखरेख करने वाली एकीकृत कमान मणिपुर सरकार के परामर्श से परिचालन आवश्यकताओं का समन्वय करती है। सिंह ने केंद्र सरकार से उन उग्रवादी और विद्रोही समूहों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का भी आह्वान किया, जिन्होंने अभियान निलंबन (एसओओ) समझौते के आधारभूत नियमों का उल्लंघन किया है।

उन्होंने शाह से इन समूहों के साथ एसओओ समझौतों को रद्द करने का आग्रह किया, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया कि वे हिंसा को और बढ़ावा दे रहे हैं।

इसके अतिरिक्त, सिंह ने हथियारों और गोला-बारूद के वित्तपोषण और आपूर्ति की जांच का अनुरोध किया, जिसके बारे में उनका मानना ​​है कि इससे संघर्ष बढ़ रहा है।

सिंह ने केंद्र सरकार से स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान प्राप्त करने के लिए ‘सभी हितधारकों के बीच राजनीतिक वार्ता और सहभागिता’ शुरू करने का आग्रह किया।

गुरुवार को ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ एक साक्षात्कार में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने केंद्र की मदद से छह महीने में राज्य में पूरी तरह शांति बहाल करने का वादा किया था। उन्होंने पद छोड़ने से भी इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने न तो कोई अपराध किया है और न ही कोई घोटाला किया है।

सिंह ने पहली बार खुलासा किया कि उन्होंने कुकी-जो और मेइती नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए एक दूत नियुक्त किया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मई 2023 से कुकी-जो और मेइती जातीय समूहों के बीच संघर्ष में 226 लोग मारे गए हैं।

यह पूछे जाने पर कि शांति बहाल करने के लिए उन्होंने अपने लिए किस तरह की समय-सीमा तय की है, सिंह ने संकेत दिया कि शांति लाने में बातचीत के साथ-साथ केंद्र सरकार की भागीदारी – चाहे गृह मंत्रालय के माध्यम से हो या अन्य एजेंसियों के माध्यम से – महत्वपूर्ण होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188