अमेरिका में इंडिया डे परेड को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।
हालांकि उससे पहले ही एक विवाद खड़ा हो गया है। असल में न्यूयॉर्क में होने वाली इंडिया डे परेड में अयोध्या में नए बने राम मंदिर की झांकी तैराने की योजना है।
इसको लेकर वहां के कुछ संगठनों ने ऐतराज जताया है और इसे एंटी मुस्लिम बताया है।
इसको लेकर न्यूयॉर्क के मेयर को चिट्ठी भी लिखी गई है और कहा गया है कि मंदिर तैराने की योजना को इवेंट से हटा दिया जाए।
बता दें कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में हाल ही में प्राण प्रतिष्ठा हुई है। देश और दुनिया में बसे श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन के लिए आ रहे हैं।
न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स और गवर्नर केथी होचुल को लिखे पत्र में कुछ संगठनों ने आपत्तियां उठाई हैं। इस पत्र में कहा गया है कि राम मंदिर की अनुकृति को तैराना मुस्लिम विरोधी होगा।
इतना ही नहीं, संगठनों ने यह भी कहा कि ऐसा करना मस्जिद के गिराने की घटना को ग्लोरीफाई करना होगा। पत्र लिखने वाले संगठनों में अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस काउंसिल, इंडियन अमेरिका मुस्लिम काउंसिल और हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स हैं।
पत्र में कहा गया है कि झांकियों की मौजूदगी इन समूहों की हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा को भारतीय पहचान से मिलाने की इच्छा को दिखाती है। लेकिन भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है।
वहीं, झांकी का आयोजन कर रही अमेरिका की विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि यह एक हिंदू पूजा स्थल का प्रतिनिधित्व करता है।
इसका उद्देश्य भारतीय और हिंदू पहचान के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखे जाने वाले देवता का महिमामंडन करना है। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कवायद है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन्स ने कहा कि परेड भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करती है। इसमें विभिन्न समुदायों की झांकियां शामिल होंगी।
एडम्स ने इस हफ्ते की शुरुआत में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नफरत के लिए कोई जगह नहीं है। अगर परेड में कोई झांकी या कोई व्यक्ति है जो नफरत को बढ़ावा दे रहा है, तो उन्हें नहीं करना चाहिए।