Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
श्मशान बन चुके गाजा में 9000 महिलाओं की मौत, हर दिन 160 से ज्यादा दे रहीं बच्चों को जन्म… – vishvasamachar

श्मशान बन चुके गाजा में 9000 महिलाओं की मौत, हर दिन 160 से ज्यादा दे रहीं बच्चों को जन्म…

इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग के बीच गाजा पट्टी से हैरान कर देने वाली बातें सामने आई हैं।

हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायली हमले में तबाह हो रहे गाजा के हालात काफी बुरे हैं। यहां 60 हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाएं कुपोषण का शिकार हैं।

गाजा शहर में गर्भवती महिलाओं का आंकड़ा काफी ज्यादा है। यहां हर दिन 160 से ज्यादा महिलाएं बच्चों को जन्म दे रही हैं। ध्वस्त हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बीच महिलाओं की बेहद कठिन हालातों में डिलीवरी हो रही है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर यह जानकारी दी थी कि गाजा पट्टी में लगभग 60,000 गर्भवती महिलाएं कुपोषण का सामना कर रही हैं।

मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के पास पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल का भी अभाव है। गाजा की आबादी में 49% महिलाएं हैं, जिनमें बच्चे पैदा करने की उम्र का एक बड़ा हिस्सा शामिल है।

गोलाबारी और हमलों की वजह से अपना घर छोड़ने के कारण महिलाएं असुरक्षित और अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। गाजा में लगभग 5,000 महिलाएं हर महीने बच्चों को जन्म दे रही हैं।

UN भी जता चुका है चिंता
इससे पहले 19 फरवरी को, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यूनिसेफ ने गाजा में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच कुपोषण में उल्लेखनीय वृद्धि को लेकर चिंता जताई थी।

यूएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गाजा में इजरायली हमलों के बाद मचे कत्लेआम की वजह शहर में महिलाओं और बच्चों की हालत बेहद दयनीय है। 

इज़राइल के हमलों और पूर्ण घेराबंदी के कारण गाजावासियों को भोजन, पानी, दवा और ईंधन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही महामारी और चिकित्सा सेवाओं पर दबाव के कारण शहरभर में स्वास्थ्य संकट भी बढ़ गया है।

नरसंहार रोकने का आह्वान
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में संयुक्त राष्ट्र से फिलिस्तीनी महिलाओं और उनके परिवारों के खिलाफ इजरायली हमले और नरसंहार को तुरंत रोकने का आह्वान किया था।

मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से विशेष रूप से गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी महिलाओं के स्वास्थ्य, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक जरूरतों का समर्थन करने का आग्रह किया है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 7 अक्टूबर 2023 से शहर में 9,000 फिलिस्तीनी महिलाओं की मौत की जानकारी दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88