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समुद्री लुटेरों का काल आईएनएस संधायक, 11 हजार किमी रेंज, बोफोर्स से लैस; जानिए इसकी खूबियां… – vishvasamachar

समुद्री लुटेरों का काल आईएनएस संधायक, 11 हजार किमी रेंज, बोफोर्स से लैस; जानिए इसकी खूबियां…

हाल के दिनों में भारत ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ कई ऑपरेशंस को कामयाबी के साथ अंजाम दिया है। अब भारत की मुहिम को और मजबूती मिलने वाली है।

शनिवार को भारत ने समुद्री लुटेरों के काल को नेवी में शामिल कर लिया। इस समुद्री पोत का नाम है आईएनएस संधायक। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे।

उन्होंने खुली चेतावनी दी है कि समुद्री लुटेरों और तस्करी में शामिल लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आईएनएस संधायक चार एसवीएल वेसल्स में से पहला है।

इसके फीचर्स ऐसे हैं कि दुश्मन का कलेजा कांप जाए। आईएनएस संधायक की रेंज 11 हजार किलोमीटर है और यह बोफोर्स से लैस है।

भारतीय नेवी की सराहना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि एसवीएल जहाज महासागरों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के अलावा देश के साथ-साथ दूसरों की रक्षा करने के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करने में काफी मदद करेगा।

समुद्री लुटेरों से पोतों को बचाने के लिए भारतीय नौसेना की त्वरित प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए सिंह ने कहाकि हिंद महासागर में अदन की खाड़ी, गिनी की खाड़ी आदि जैसे कई अवरोधक बिंदु मौजूद हैं, जिनके माध्यम से बड़ी मात्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है।

इन बिंदुओं पर कई खतरे बने रहते हैं, जिनमें सबसे बड़ा खतरा समुद्री डाकुओं से है। उन्होंने न केवल भारतीय जहाजों बल्कि मित्र देशों के जहाजों को भी सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की। 

ऐसे हैं आईएनएस संधायक के फीचर्स
आईएनएस संधायक की प्राथमिक भूमिका सुरक्षित समुद्री नेविगेशन को सक्षम करने के लिए बंदरगाहों, नौवहन माध्यमों, मार्गों, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों का पूर्ण पैमाने पर जल सर्वेक्षण करना है।

इसे ‘गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स’ (जीआरएसई), कोलकाता में तैयार किया गया है। इसका वजन करीब 3,400 टन है, जबकि इसकी लंबाई 110 मीटर है।

इसमें दो डीजल इंजन लगे हैं और इसकी रफ्तार 30 किमी प्रति घंटा है। आईएनएस संधायक में कई अल्टामॉडर्न इक्विपमेंट्स लगे हुए हैं।

यह पोत सर्वे और नेविगेशन को और बेहतर बनाएगा। इस पोत में बोफोर्स गन के साथ चेतक हेलीकॉप्टर भी है। इस पोत में एक बार में 18 अधिकारी और 160 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं।

कई सफल ऑपरेशंस
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में भारत ने समुद्र के अंदर कई सफल ऑपरेशंस को अंजाम दिया है। इनमें सबसे ताजा मामला तो सोमालिया के पूर्वी तट पर ईरानी बोट को बचाने का है।

इसके अलावा पाकिस्तानी और श्रीलंकाई नागरिकों को बचाने के मिशन को भी अंजाम दिया गया है। जानकारी के मुताबिक अभी तक भारतीय नौसेना कुल 3400 जहाजों और 25000 से अधिक नाविकों को सुरक्षित बचाने में कामयाबी हासिल की है।

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