Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
1989 में किया पहली बार वादा ,भाजपा के लिए कैसे ‘वरदान’ बन गया राम मंदिर आंदोलन… – vishvasamachar

1989 में किया पहली बार वादा ,भाजपा के लिए कैसे ‘वरदान’ बन गया राम मंदिर आंदोलन…

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है।

साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाकर सदियों से चले आ रहे विवाद पर लगाम लगा दी।

राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी राजनीति कम नहीं हुई। विपक्ष का कहना है कि भाजपा धर्म के इस मामले में भी राजनीति कर रही है।

कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा का न्योता भी ठुकरा दिया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की अगुआई करने अयोध्या पहुंच रहे हैं।

चुनावों के दौरान भी भाजपा नेता राम मंदिर निर्माण का क्रेडिट लेने से चूकते नहीं हैं। दूसरी तरफ देखें तो राम मंदिर आंदोलन ही भाजपा के लिए वरदान साबित हुआ।

1984 में दो सीटें पाने वाली भाजपा ने जब राम मंदिर और हिंदूवादी राजनीति का रुख किया तो उसकी किस्मत पलटते चली गई। 

आजादी के दो साल बाद ही हिंदू महासभा ने राम मंदिर का मुद्दा उठाया था। हिंदू महासभा ने 14 अगस्त 1949 को एक प्रस्ताव पास किया जिसमें कहा या कि राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।

इसके तीन दशक बाद विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर को लेकर ऐक्टिव हुआ और 1984 में धर्म संसद का आयोजन किया गया।

इस धर्म संसद में कहा गया कि अयोध्या में राम मंदिर, मथुरा में कृष्ण मंदिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए आंदोलन चलना चाहिए।

गौर करने वाली बात है कि उस वक्त कई कांग्रेस नेता इसके समर्थन में थे लेकिन भाजपा से समर्थन की आवाज बुलंद नहीं हुई थी।

1984 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा को महज दो सीटें मिलीं तो संघ ने एक बैठक बुलाई। इसके बाद तय किया गया कि गांधीवादी विचारधार के सहारे भाजपा राजनीति के पटल पर कमाल नहीं कर सकती। 

1989 में भाजपा ने किया अयोध्या का रुख
1989 के चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में प हली बार भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर निर्माण को अपने घोषणापत्र में शामिल किया।

इसके बाद असर यह हुआ कि पिछले चुनाव में महज दो सीट जीतने वाली भाजपा को 85 सीटें मिलीं। मंदिर मुद्दे पर पार्टी की लोकप्रियता बढ़ने लगी। उस वक्त पार्टी के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी थे। उनकी लोकप्रियता बढऩे लगी। 

आडवाणी ने निकाली रथ यात्रा
1990 में जब मंदिर बनाम मंडल की जंग हुई तो जीत भाजपा की ही हुई। इसके बाद भाजपा ने रथ यात्रा का प्लान बना दिया। गुजरात के सोमनाथ से यह यात्रा शुरू की गई।

इसके बाद इस रथयात्रा के साथ बड़ा जनसमूह जुड़ने लगा। इस रथयात्रा ने भाजपा के साथ हिंदुओं को जोड़ने में बड़ी मदद की।

यहीं से भाजपा के लिए अखिल भारतीय पार्टी बनने का रास्ता खुल गया। 1991 मे मध्यावधि चुनाव हुआ तो भाजपा को 121 सीटों पर जीत हासिल हुई। पहली बार उत्तर प्रदेश में पार्टी सत्ता में आ गई और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बन गए। 

1992 में मस्जिद तोड़े जाने के बाद गिरी कल्याण सरकार
1992 में जब बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया तो भाजपा को नुकसान भी उठाना पड़ा। इसके बाद 1996 से 2019 तक ऐसा कोई लोकसभा चुनाव नहीं रहा जब राम मंदिर के मुद्दे को भाजपा ने घोषणापत्र में जगह ना दी हो।

साल 2004 के आम चुनाव में गठबंधन के दलों को संतुष्ट रखने और राम मंदिर मुद्दे की जरूरत महसूस ना होने की वजह से भाजपा ने इंडिया शानिंग का नारा दिया।

भाजपा ने जब विकास का मुद्दा चुना तो उसकी हार हुई और 2014 तक कांग्रेस सत्ता पर काबिज रही। 

हालांकि 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर से जब विकास और भ्रष्टाचार उन्मूलन का मुद्दा सामने रखा गया तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी और केंद्र में बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी की सरकार बन गई।

अब राजनीतिक पंडितों का कहना है कि राम मंदिर आंदोलन भारत की राजनीति में शायद सबसे ज्यादा अहम रहा है। अगर यह भाजपा के उत्थान का कारण बना तो यही कांग्रेस के पतन का भी कारण है। 

2019 के चुनाव के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर  फैसला सुना दिया। इसके बाद भाजपा के हौसले और बुलंद हो गए।

2020 में ही पीएम मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया और अब मंदिर बनकर तैयार है। भाजपा अब अगले चुनाव में 400 प्लस का सपना संजो रही है।

यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि राम मंदिर से अब भी भाजपा को बहुत उम्मीदें हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188