Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए UN ने भेजा स्पेशल दूत का प्रस्ताव, भड़क गया तालिबान… – vishvasamachar

अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए UN ने भेजा स्पेशल दूत का प्रस्ताव, भड़क गया तालिबान…

अफगानिस्तान में तालिबान ने जब से सत्ता संभाली है, लोगों का जीवन बद से बदतर होता जा रहा है।

खासकर महिलाओं के लिए जीवन नरक बन गया है। तालिबान शासकों ने अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए पढ़ाई को गैर जरूरी कर रखा है।

उनके मेकअप करने या ब्यूटी सैलून पर भी रोक लगा रखी है। लोगों के लिए म्यूजिक सुनना बैन है। इसके अलावा कई और पाबंदियां है, जो अफगानिस्तान के लोगों के लिए रहना मुश्किल बना रही हैं।

इस बीच यूएन ने अफगानिस्तान में विशेष दूत भेजने का प्रस्ताव भेजा। यूएन के इस प्रस्ताव पर तालिबान भड़क गया है। उसने इस कदम को अनावश्यक करार दिया है।

शनिवार को अफगानिस्तान में तालिबान अधिकारियों ने लिंग भेद हटाने और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक विशेष दूत की योजना को “अनावश्यक” बताया।

तालिबान सरकार को आधिकारिक तौर पर यूएन के इस प्रस्ताव की निंदा की। तालिबान को देश या विश्व निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है और संयुक्त राष्ट्र ने इस पर भी अफगानिस्तान में तालिबान के मनमानी शासन पर चिंता जताई है।

तालिबान राज में महिलाओं का नरक जैसा जीवन
तालिबान ने जब से अफगानिस्तान में राज करना शुरू किया है, एक बार फिर से लोगों खासकर महिलाओं का जीवन नरक जैसा हो गया है।

यूएन समेत कई वैश्विक संस्थानों ने महिलाओं पर तालिबानी क्रूरता पर चिंता जताई है। कहा है कि महिलाओं को अन्य नागरिकों की तरह उनके मिलने चाहिए। दरअसल, तालिबान ने शासन पर लौटते ही तमाम पाबंदियों की घोषणा कर दी है। 

क्या-क्या पाबंदियां
अफगानिस्तान में किशोर लड़कियों को माध्यमिक विद्यालयों में और महिलाओं को विश्वविद्यालयों में जाने से पाबंदी है। 2022 के अंत में, महिलाओं को पार्कों, मनोरंजन मेलों, जिम और सार्वजनिक जगहों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उन्हें ब्यूटी पार्लर या सैलून जाने की मनाही है।

फैशनेबल कपड़े पहनने की मनाही है। महिलाएं बिना मर्दों घर से बाहर नहीं निकल सकते। इसके अलावा महिलाओं की छोटी उम्र में ही शादी की भी दर्जनों घटनाओं ने यूएन को चिंतित कर दिया है।

पुरुषों को दाढ़ी कटाने और टखने के नीचे पेंट पहनने की मनाही है। तालिबानी हुकूमत के मुताबिक, शरिया कानून के हिसाब से म्यूजिक सुनने या फिल्म देखना हराम है। 

शुक्रवार को, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने अफगानिस्तान और उसके तालिबान नेताओं के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए अफगानिस्तान के लिए एक विशेष दूत की नियुक्ति के लिए एक प्रस्ताव भेजा।

लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी ने कहा कि नया दूत अनावश्यक है क्योंकि अफगानिस्तान एक संघर्ष क्षेत्र नहीं है और एक सरकार द्वारा शासित है जो अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने में सक्षम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88