Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
पहले कर्जजाल में फंसाया, अब राहत पैकेज भी रोक रहा; चीन की चालबाजी से कैसे बेहाल श्रीलंका… – vishvasamachar

पहले कर्जजाल में फंसाया, अब राहत पैकेज भी रोक रहा; चीन की चालबाजी से कैसे बेहाल श्रीलंका…

श्रीलंका आज अपने सबसे बड़े कर्जदाता चीन से ही मुश्किलों का सामना कर रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से उसे मिलने वाली नकदी सहायता में बीजिंग अड़ंगा डालने लगा है। दरअसल, श्रीलंका बीते कुछ सालों से गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

ऐसे में उसे आईएमएफ से सहायता राशि का मिलना बहुत जरूरी हो गया है। इसे देखते हुए कोलंबो को 3 बिलियन (300 करोड़) अमेरिकी डॉलर मुहैया कराने के प्रयास जारी हैं।

पिछले महीने IMF के अधिकारियों ने आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश में जुटे इस देश का दौरा किया। इसे लेकर यहां के लोगों के बीच सकारात्मक संकेत गया था। 

रिपोर्ट के अनुसार, राहत पैकेज के लिए आईएमएफ ने द्विपक्षीय ऋणदाताओं से वित्तीय आश्वासन मिलने पर जोर दिया। इस आधार पर उसने बेलआउट की पहली समीक्षा में श्रीलंका को असफल ग्रेड दे डाला।

साथ ही 330 मिलियन डॉलर की सहायता की दूसरी किश्त से भी इनकार कर दिया। इस बीच, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की अक्टूबर के मध्य में चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं।

ऐसे में श्रीलंका को राहत मिलने की संभावना बढ़ गई है क्योंकि कर्ज राहत पर चर्चा के लिए वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलेंगे। बीजिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की 10वीं वर्षगांठ पर शिखर सम्मेलन होना है, जिसमें भाग लेने के मकसद से श्रीलंकाई राष्ट्रपति की यह यात्रा होनी है। 

राहत पैकेज के लिए फाइनेंशियल रिव्यू की जरूरत
आईएमएफ ने कहा है कि श्रीलंका को आगे की राहत सहायता के लिए फाइनेंशियल रिव्यू की जरूरत है। जापान और भारत जैसे ऋणदाताओं की लिस्ट में चीन भी शामिल है जो शुरुआती वित्तीय आश्वासन मुहैया कराते हैं, जो कि बेलआउट पैकेज को मंजूरी देने के लिए आईएमएफ की शर्तों में शामिल है। वहीं, नेकेई एशिया ने अपनी रिपोर्ट में श्रीलंका के लिए सीनियर मिशन चीफ पीटर ब्रेउर की अध्यक्षता वाली आईएमएफ टीम के हवाले से कुछ बड़ी जानकारियां दी हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि श्रीलंका को कर्जजाल में फंसाने वाले चीन ने उसे ऋण के लिए 2 साल की मोहलत देने की पेशकश कर दी। साथ ही उसने मौजूदा कर्ज के भुगतान के लिए नए ऋण मुहैया कराने की बात कही। 

चीन ने समिति में शामिल होने से कर दिया इनकार
मालूम हो कि श्रीलंका ने चीन को जापान, भारत और फ्रांस की अध्यक्षता में द्विपक्षीय ऋणदाताओं की समिति में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। मगर, चीन ने बीते अप्रैल में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और श्रीलंकाई सरकार से सीधे लेनदेन की बात कही। अधिकारी ने बताया, ‘श्रीलंका की इस पहले से दूसरे ऋणदाता सहमत थे और कोलंबो को द्विपक्षीय स्तर पर बीजिंग के साथ सौदा करने के लिए भी तैयार थे। मगर, चीनी ऋण शर्तों के आधार पर कोई विशेष समझौता नहीं हो सकता है। जैसे कि खुद कोई छूट नहीं देना और अन्य देशों से कटौती की उम्मीद करना।’ इस तरह ड्रैगन के इस समिति में शामिल न होने से श्रीलंका को बड़ा झटका लगा और उसके बेलआउट पैकेज में रुकावट का यह अहम कारण बना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88