Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
ईरान और तालिबान के बीच होगा दुनिया का पहला जल युद्ध? हेलमंड नदी को लेकर सीमा पर बढ़ा तनाव… – vishvasamachar

ईरान और तालिबान के बीच होगा दुनिया का पहला जल युद्ध? हेलमंड नदी को लेकर सीमा पर बढ़ा तनाव…

अफगानिस्तान में शासन करने वाले तालिबान और पड़ोसी ईरान के बीच तनाव बेहद बढ़ गया है।

हाल यह है कि तालिबान ने सीमा पर हजारों लड़ाके और आत्मघाती हमलावर भेज दिए हैं। दररअसल मई में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर वह जल समझौते का सम्मान नहीं करेगा तो नतीजा भुगतने को तैयार रहे।

इसके बाद तालिबान की तरफ से ईरान का मजाक उड़ाया गया और 20 लीटर पानी का कंटेनर गिफ्त के तौर पर भेज दिया गया। तालिबान नेता ने कहा कि ईरान इस तरह की धमकी देना बंद करे। अब सूत्रों का कहना है कि ईरान और तालिबान दोनों युद्ध के लिए सज हो गए हैं। 

तालिबान ने सीमा पर भेज दिए आत्मघाती हमलावर
बता दें कि लंबे समय से कहा जाता है कि अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए हो सकता है। यह तो सिर्फ एक कयास है लेकिन ईरान और तालिबान के बीच पानी के लिए यह दुनिया की पहली लड़ाई हो सकती है।

हाल ही में सीमा पर दोनों ओर से हुई गोलीबारी में दोन ईरानी सैनिक और एक तालिबानी लड़ाका मारा गया था। तालिबान दो दशकों से अमेरिका से लड़ रहा था। पहले से ही  अस्थिर इस क्षेत्र में अब जल का संकट गहरा रहा है। 

हेलमंड  नदी को लेकर विवाद
दरअसल जलवायु परिवर्तन की वजह से अफगानिस्तान के पहाड़ों से निकलने वाली हेलमंड नदी में पानी कम हो गया है।

एक एनजीओ के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान में 1950 के बाद से तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है। ऐसे में कभी सूखा और कभी बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। 

क्या था ईरान और अफगानिस्तान के बीच समझौता
1973 में अफगानिस्तान और ईरान के बीच समझौता हुआ था कि सामान्य परिस्थितियों में अफगानिस्तान ईरान के लिए पर्याप्त नदी का पानी छोड़ेगा।

यह नदी हिंदुकुश के पहाड़ों से निकलती है और लगभग 1 हजार किलोमीटर अफगानिस्तान में बहती है। इसके बाद यह ईरान में प्रवेस खरती है।

यह अफगानिस्तान की सबसे बड़ी नदी है जिसपर यहां की कृषि और लाखों लोग आधारित हैं। वहीं ईरान में भी लाखों लोग इस नदी पर आधारित हैं। ईरान का कहना है कि तालिबान ने पानी की सप्लाई कम कर दी है। 

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कानानी ने कहा, तालिबानी सरकार बिना किसी जानकारी  के पानी की सप्लाई कम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि 2021 से ही ईरान पानी की सप्लाई का विषय उठाता रहा है। वहीं तालिबान के प्रवक्ता ने मई मे ही कहा था कि समझौते में इस बात का जिक्र था कि सूखे के समय पानी को अजस्ट किया जा सकता है।

किन ईरान बातचीत करने को तैयार नहीं है और युद्ध को तैयार हो गया है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88