Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
पेगासस जैसा स्पाईवेयर खरीदेगी सरकार? कांग्रेस का दावा- 2024 से पहले होगी बड़ी साजिश… – vishvasamachar

पेगासस जैसा स्पाईवेयर खरीदेगी सरकार? कांग्रेस का दावा- 2024 से पहले होगी बड़ी साजिश…

कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि 2024 के चुनाव से पहले भाजपा लोगों के फोन हैक करके जासूसी करवाने जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि केंद्र सरकार एक नया स्पाईवेयर खरीदने वाली है।

इसपर कांग्रेस ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव से पहले बड़ी साजिश करने की फिराक में है।

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि केंद्र सरकार जो नया स्पाईवेयर खरीदेगी वह पेगासस से लो प्रोफािल है। इसपर 12 करोड़ डॉलर खर्च करने का प्लान है। 

सरकार पर हमला बोलते हुए रमेश ने कहा, मोदी सरकार जनता, विपक्ष, न्यायपालिका, चुनाव आयोग, पत्रकार सबकी जासूसी पेगासस से करवा चुकी है।

पिछले चुनाव से पहले उसने विदेशी कंपनी की मदद से जासूसी करवाई थी। अब फिर से वह चुनाव से पहले कुछ ऐसा ही करने के फिराक में है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है। 

बता दें कि फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दर्जनभर कंपनियां बोली लगाने की रेस में हैं। इसमें मिस्र की कंपनी इंटेलेक्सा शामिल है।

इस कंपनी का स्पाईवेयर प्रीडेटर नाम से है। सिटिजन लैब और फेसबुक के मुताबिक सऊदी अरब, मिस्र, मेडागास्कर, ओमान जैसे देशों में यह मालवेयर पहले से ही काम कर रहा है।

ये वे देश हैं जहां मानवाधिकार हनन के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि इस रेस में क्वाड्रीम और कॉग्नाइट स्पाइवेयर भी शामिल हैं।

क्या था पेगासस विवाद
इजरायल के जासूसी सॉफ्टवेटर के जरिए राजनेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी रिपोर्ट सामने आई थी।

हालांकि सरकार ने इन्हें गलत करार दिया था और सिरे से खारिज किया था। सरकार का कहना था कि इन हथकंडों के जरिए भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

रक्षा मंत्रालय ने भी कहा था कि इजरायल के एनएसओ ग्रुप से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक टेक्निकल कमेटी गठित की थी।

इस कमेटी ने मामले की जांच की। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ज जज जस्टिस आरवी रवींद्रन इसके प्रमुख थे। हालांकि इस समिति के रिपोर्ट में भी कोई ठोसस बात निकलकर सामने नहीं आई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188

slot gacor

SUKAWIN88