Warning: include_once(/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php): Failed to open stream: No such file or directory in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22

Warning: include_once(): Failed opening '/home/u140703092/domains/karmyoginews.com/public_html/wp-content/plugins/wp-super-cache/wp-cache-phase1.php' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php82/usr/share/pear:/opt/alt/php82/usr/share/php:/usr/share/pear:/usr/share/php') in /home/u459374497/domains/vishvasamachar.com/public_html/wp-content/advanced-cache.php on line 22
छत्तीसगढ़ -वनोपज आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने लिया गया निर्णय….. – vishvasamachar

छत्तीसगढ़ -वनोपज आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने लिया गया निर्णय…..

छत्तीसगढ़ -वनोपज आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने लिया गया निर्णय…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में वनोपज आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के त्रिपक्षीय एमओयू के आधार पर स्थापित वनोपज आधारित उद्योगों द्वारा उत्पाद निर्माण करने और इन उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड अंतर्गत 40 प्रतिशत की छूट के साथ क्रय करते हुए संजीवनी एवं अन्य माध्यमों से विक्रय किया जायेगा।निर्णय लिया गया है।गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

इस फैसले से छत्तीसगढ़ हर्बल्स के अंतर्गत उत्पादों की संख्या बढ़ेगी तथा उद्योगों को अपना हर्बल्स उत्पाद विक्रय करने में एक अतिरिक्त माध्यम मिलेगा, जिससे वनोपज आधारित उद्योगों की स्थापना को और प्रोत्साहन मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि वनोपज आधारित उद्योगों के साथ किए गए त्रिपक्षीय एम.ओ.यू के अंतर्गत लघु वनोपज संघ द्वारा कच्चे वनोपज निश्चित दर पर उपलब्धता के आधार पर प्रदान किया जायेगा

तथा उद्योगों के द्वारा तैयार उत्पादों का विक्रय एवं विपणन में सहायता प्रदान की जायेगी। वर्तमान में कलेक्टर सेक्टर के स्व-सहायता समूहों के माध्यम से निर्मित उत्पादों को 35 प्रतिशत की छूट के साथ आवश्यकता के अनुसार क्रय कर संवितरक के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है।

मंत्रीपरिषद की बैठक में एमओयू के तहत स्थापित उद्योगों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल्स के ब्रांडिंग एवं विपणन हेतु 5 प्रतिशत की राशि अतिरिक्त रखते हुए 40 प्रतिशत की छूट के साथ आवश्यकता एवं मांग के अनुसार कय करते हुए संवितरक के माध्यम से विक्रय किए जाने का निर्णय लिया गया।

इससे छत्तीसगढ़ हर्बल्स के अंतर्गत उत्पादों की संख्या बढ़ेगी तथा उद्योगों को भी अपना हर्बल्स उत्पाद विक्रय करने में एक अतिरिक्त माध्यम मिलेगा, जिससे वनोपज आधारित उद्योगों की स्थापना को और प्रोत्साहन मिलेगा।

वर्तमान में त्रिपक्षीय एम.ओ.यू. अंतर्गत 02 उद्योगों द्वारा उत्पादन प्रारंभ किया गया है, अवनि आयुर्वेदा लिमिटेड, रायपुर द्वारा मिलेट आधारित उत्पादों का तथा कोसर एग्रो प्रायवेट लिमिटेड, पुणे द्वारा इमली से संबंधित उत्पादों का निर्माण प्रारंभ किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nagatop

nagatop

kingbet188