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टैक्स मामलों, आपराधिक अपीलों, मोटर दुर्घटना दावों की सुनवाई के लिए SC गठित करेगा स्पेशल बेंच… – vishvasamachar

टैक्स मामलों, आपराधिक अपीलों, मोटर दुर्घटना दावों की सुनवाई के लिए SC गठित करेगा स्पेशल बेंच…

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगले सप्ताह से सुप्रीम कोर्ट में विशेष रूप से कर मामलों (Tax Related Cases) से निपटने के लिए एक विशेष पीठ (Special Bench for Tax Cases) होगी।

मंगलवार को वकीलों के एक समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगले हफ्ते से बुधवार और शुक्रवार को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष बिक्री कर मामलों से निपटने के लिए विशेष पीठों का गठन किया जाएगा।’

CJI चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच में शामिल जस्टिस हेमा कोहली और जेबी पारदीवाला ने कहा कि आपराधिक अपील, भूमि अधिग्रहण के मामलों और मोटर दुर्घटना के दावों के मामलों की सुनवाई के लिए भी इसी तरह की एक विशेष बेंच का गठन किया जाएगा। इससे पहले शीर्ष अदालत द्वारा एक परिपत्र जारी किया गया था, जिसमें मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए एक नई प्रणाली को अधिसूचित किया गया था।

शीर्ष अदालत की ओर से 22 नवंबर, 2022 को जारी सर्कुलर के अनुसार, 10 स्थानांतरण याचिकाएं (नोटिस के बाद) और 10 जमानत मामले सभी 5 दिनों में अदालतों के समक्ष बोर्ड में शीर्ष पर सूचीबद्ध किए जाएंगे।

साथ ही हर हफ्ते मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सात नए मामले सूचीबद्ध किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने बार को अधिसूचित किया है कि नियमित सुनवाई के मामले बुधवार और गुरुवार को सूचीबद्ध होंगे, मंगलवार को नहीं होंगे।

नोटिस में कहा गया है कि इसके अलावा, रिफिलिंग मामलों में देरी की माफी के लिए आवेदनों को चैंबर जज या रजिस्ट्रार कोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध करने के बजाय अदालत के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा। सीजेआई ने कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट में केस पेंडेंसी कम करने के लिए सभी 13 पीठों को रोजाना 10 वैवाहिक मामले और 10 जमानत याचिकाओं से जुड़े मामलों पर सुनवाई करने के लिए कहा था।

सीजेआई ने कहा था यह फैसला शीर्ष अदालत के सभी न्यायाधीशों की बैठक में लिया था।

उन्होंने कहा था कि एक पूर्ण अदालत की बैठक के बाद, हमने फैसला किया है कि प्रत्येक पीठ रोजाना 10 वैवाहिक स्थानांतरण मामलों और 10 जमानत मामलों पर सुनवाई करेगी।

शीतकालीन अवकाश से पहले ऐसे सभी मामलों को निपटाना होगा। ऐसे लंबित मामलों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है, क्योंकि ये व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित हैं।

उन्होंने कहा था कि अब तक शीर्ष अदालत में वैवाहिक मामलों से संबंधित 3,000 याचिकाएं लंबित हैं, जहां पक्षकार मामलों को अपनी पसंद के स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा था कि यदि प्रत्येक पीठ प्रतिदिन 10 तबादलों के मामलों की सुनवाई करती है, तो 13 पीठें प्रतिदिन 130 मामले और प्रति सप्ताह 650 मामले तय कर सकेंगी। इस तरह काम का बोझ भी खत्म हो जाएगा।

सीजेआई ने कहा था कि इन 20 जमानत और स्थानांतरण याचिकाओं को रोजाना निपटाने के बाद बेंच नियमित मामले लेना शुरू कर देगी।

उन्होंने पूरक सूची में अंतिम समय में सूचीबद्ध होने वाले मामलों की संख्या में कटौती करने का फैसला किया, ताकि न्यायाधीशों पर बोझ कम हो सके जो देर रात तक केस फाइलों को देखने के लिए मजबूर हैं।

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